लाहौर, 12 जुलाई (हि.
स.)।
जेल में
बंद पाकिस्तान
के पूर्व
प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें
कम होती
दिखाई नहीं
दे रही
है, ताजा
मामले में
वहां की
एक आतंकवाद
रोधी अदालत
ने गुरुवार
को नौ
मई की
हिंसा मामले
में कहा
कि पूर्व
प्रधानमंत्री इमरान की हरकतें एक
‘‘आतंकवादी’’ के समान थीं। इसने
कहा कि
उन्होंने अपनी
रिहाई के
लिए दबाव
बनाने के
वास्ते पार्टी
नेताओं को
सैन्य प्रतिष्ठानों,
सरकारी संपत्तियों
और पुलिस
अधिकारियों पर हमला करने का
काम सौंपा।
पाकिस्तान तहरीक ए
इंसाफ (पीटीआई)
के 71 वर्षीय
संस्थापक और
उनकी पार्टी
के सैकड़ों
सहयोगियों पर कई मामलों के
तहत मुकदमा
चलाया जा
रहा है।
इनमें नौ
मई 2023 को
उनके समर्थकों
द्वारा किए
गए हिंसक
विरोध प्रदर्शन
के संबंध
में आधिकारिक
गोपनीयता अधिनियम
के तहत
एक मामला
भी शामिल
है।
भ्रष्टाचार के मामले
में खान
की गिरफ्तारी
के बाद
भड़के हिंसक
विरोध प्रदर्शन
के दौरान
पूरे पाकिस्तान
में प्रमुख
सैन्य प्रतिष्ठानों
पर हमले
किए गए
थे।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून
अखबार की
रिपोर्ट के
अनुसार, आदेश
में कहा
गया कि
खान ने
न केवल
लोगों को
उकसाया, बल्कि
अपनी रिहाई
के लिए
सेना और
सरकार पर
दबाव बनाने
के लिए
नेताओं को
अराजकता पैदा
करने, कानून
और व्यवस्था
को बिगाड़ने
तथा आगजनी
करने का
निर्देश दिया।
खान की पार्टी
ने आतंकवाद
रोधी अदालत
के फैसले
को ‘‘बेतुका
आदेश’’ करार
दिया और
घोषणा की
कि वह
विरोध शुरू
करेगी। लाहौर
की आतंकवाद
रोधी अदालत
ने इस
सप्ताह की
शुरुआत में
नौ मई
के दंगों
से संबंधित
तीन मामलों
में खान
की गिरफ्तारी
पूर्व जमानत
को खारिज
कर दिया
था और
पुलिस को
पूछताछ के
लिए उन्हें
निरंतर हिरासत
में रखने
की अनुमति
दे दी
थी।
(Udaipur Kiran) / Ajeet Tiwari / प्रभात मिश्रा