नई दिल्ली, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने 2022 में तीन साल की बच्ची के यौन शोषण के मामले में आरोपित को दोषी करार दिया है। एडिशनल सेशंस जज सुशील बाला डागर ने आरोपित को पॉक्सो कानून की धारा-6 का दोषी माना है। दोषी की सजा की अवधि पर 22 जुलाई को सुनवाई होगी।
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कहा कि 17 जून 2022 को आरोपित ने पीड़ित बच्ची के निजी अंगों को यौन शोषण की नीयत से छुआ। ऐसा करना पॉक्सो कानून की धारा 10 के तहत आता है। कोर्ट ने आरोपित की ओर से पेश वकील की इस दलील को खारिज कर दिया कि एफआईआर दर्ज करने में देरी की गई। कोर्ट ने कहा कि ये एक सामान्य बात है कि किसी बच्ची के साथ यौन अपराध होने पर लोक लाज के डर से मां-बाप इसकी सूचना नहीं देते हैं, वो भी तब जब आरोपित कोई जान-पहचान का व्यक्ति हो। साफ है कि इस घटना के बाद पीड़ित बच्ची की मां सदमे में होगी और काफी हिम्मत जुटाने के बाद उसने पुलिस से शिकायत की होगी।
कोर्ट ने आरोपित की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि पीड़ित बच्ची का मेडिकल नहीं कराया गया। कोर्ट ने कहा कि बच्ची की मां ने उसका मेडिकल इसलिए नहीं कराया क्योंकि उसे अपनी बच्ची के निजी अंगों में चोट की आशंका थी। कोर्ट ने कहा कि बच्ची के बयान पर भरोसा नहीं करने का कोई वजह नहीं है क्योंकि बयान दर्ज करते समय ऐसा कुछ नहीं पाया गया कि उसे सिखाया-पढ़ाया गया हो और वो आरोपित को झूठे तरीके से फंसा रही हो।
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा / आकाश कुमार राय