Haryana

गुरु जम्भेश्वर के सिद्धांतों को विश्व स्तर पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन :बिश्नोई

अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का ब्रोशर जारी करते कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई।

विश्वविद्यालय में अगले माह होगा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, तैयारियां शुरू

कुलपति ने किया अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए सम्मेलन ब्रोशर जारी

हिसार, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के गुरु जम्भेश्वर जी महाराज धार्मिक अध्ययन संस्थान के सौजन्य से 22 व 23 अगस्त ‘गुरु जम्भेश्वर जी के नैतिक, आध्यात्मिक एवं पर्यावरणीय चिंतन की वर्तमान युग में प्रासंगिकता’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। सम्मेलन की तैयारियां शुरू कर दी गई है।

विश्वविद्यालय के कुलपति एवं सम्मेलन के संरक्षक प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने गुरुवार को सम्मेलन का ब्रोशर जारी किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर, निदेशक प्रो. नरेन्द्र कुमार बिश्नोई, संयोजक प्रो. किशना राम बिश्नोई व आयोजन सचिव डा. जयदेव बिश्नोई उपस्थित रहे। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के सिद्धांत वर्तमान में और अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। वर्तमान समय की स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय तथा वैश्विक सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान गुरु जी के बताए सिद्धांतों पर खोजा जा सकता है। यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन गुरु जी के सिद्धांतों को विश्व स्तर पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य गुरु जम्भेश्वर जी द्वारा प्रतिपादित नैतिक, आध्यात्मिक और दार्शनिक सिद्धांतों की व्याख्या करना तथा इनकी समसामयिक संदर्भ में विवेचना करना है। वैश्विक स्तर पर समकालीन पर्यावरणीय चुनौतियों को संबोधित करने के लिए गुरु जी के सिद्धांतों के महत्व की खोज करना भी इस सम्मेलन का उद्देश्य है। यह सम्मेलन समाज और पर्यावरण की उन्नति के लिए सामाजिक नीतियों, शैक्षणिक पाठ्यक्रमों और दैनिक जीवन में गुरु जी के सिद्धांतों को शामिल करने के लिए व्यक्तियों और संगठनों को प्रेरित करेगा। उन्होंने इस सम्मेलन की सफलता के लिए आयोजन समिति को शुभकामनाएं दी।

कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने कहा कि यह सम्मेलन विद्वानों को गुरु जम्भेश्वर जी के नैतिक, आध्यात्मिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण के विभिन्न बिंदुओं पर शोध-पत्र प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी होगा।

सम्मेलन निदेशक प्रो. नरेन्द्र कुमार बिश्नोई व संयोजक प्रो. किशना राम बिश्नोई ने बताया कि सम्मेलन में मुख्य विषय से संबंधित 25 अन्य उप विषय भी रखे गए हैं। सम्मेलन के आयोजन सचिव डा. जयदेव बिश्नोई ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए सारांश भेजने की अंतिम तिथि एक अगस्त है जबकि अग्रिम पंजीकरण की अंतिम तिथि पांच अगस्त है।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर / सुमन भारद्वाज शर्मा

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