भागलपुर, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । भागलपुर में रेलवे अस्पताल से शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था होने के बावजूद शव ठेला पर ढोया जा रहा है।
जिस ठेले से शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जा रहा था उस ठेले के पहियों में ना तो हवा थी और ना ही उसमें ब्रेक था। कुल मिलाकर ये कहना सही होगा कि तस्वीरों में दिख रहा शव लावारिश शव नहीं है बल्कि भागलपुर स्वास्थ्य महकमें का शव है। एक तरफ जहां भारतीय रेलवे के चिकित्सा विभाग सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कई वायदे करते दिखती है। वहीं दूसरी ओर रेलवे स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलती तस्वीर भागलपुर की सड़कों पर आए दिन देखने को मिलती है।
गुरुवार को भी कुछ ऐसी ही तस्वीर भागलपुर की सड़कों पर देखने को मिली। जहां एक अज्ञात शव को एक ठेले पर दो युवक खींचते हुए पोस्टमार्टम के लिए ले जा रहे थे। जिस ठेले पर शव रखा हुआ था उस ठेले में भी ना तो ब्रेक था और ना ही टायर में हवा थी। वहीं ठेला चालक और उसके सहयोगी के मुंह से शराब की भी बू आ रही थी। इस पूरे मामले पर ठेला चालक विजय मलिक ने कहा कि हम लोग बोलते भी रहते हैं। शव को ढोने के लिए एंबुलेंस किया जाए। लेकिन एंबुलेंस नहीं दिया जाता है। वहीं सड़क से गुजर रहे राहगीर विजय कुमार चौधरी ने भी रेलवे प्रशासन को कोसते नजर आए। विजय कुमार चौधरी ने कहा कि यह मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है।
(Udaipur Kiran) / बिजय शंकर / गोविंद चौधरी