
कानपुर, 19 अप्रैल (Udaipur Kiran) । गेल उत्कर्ष ने जेईई मेंस 2025 में इंस्टिट्यूट के 97 छात्रों ने बाजी मारी है। अब ये सभी छात्र एडवांस के लिए तैयारी करेंगे। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पिछले सोलह साल में 2100 से ज्यादा छात्र शिक्षा हासिल कर चुके हैं। यह बातें शनिवार इंस्टीट्यूट के निदेशक आयुष गुप्ता ने कही।
उन्हाेंने कहा शिक्षा आम आदमी का अधिकार है। जिसे समान रूप से सभी को हासिल कराना हमारी जिम्मेदारी है। कुछ इसी सोच के साथ भारत की नौ रत्न कम्पनियों में से एक गेल उत्कर्ष ने इसका बीड़ा उठाते हुए पिछले सोलह सालों से ऐसे छात्रों को चिन्हित कर अपने इंस्टिट्यूट में नि:शुल्क आवासीय शिक्षा एवं प्रशिक्षण दे रहे हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। यही कारण है कि यहां का परिणाम हमेशा सौ प्रतिशत आता है।
यहां से शिक्षा ग्रहण करने के बाद देश के नाम गिरामी इंजीनियरिंग कॉलेज, आईआईटी या एनआईटी की तैयारी, रहने खाने की व्यवस्था आदि खर्चों का वहन गेल उत्कर्ष द्वारा किया जाता है। आंकड़ों के अनुसार लगभग एक हजार छात्र आईआईटी व एनआईआईटी प्रवेश पाकर देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में सेवाएं देते हुए दुनिया भर में देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
गेल उत्कर्ष पहल सीएसआरएल के सहयोग से 11 महीने की निशुल्क आवासीय शिक्षा एवं प्रशिक्षण दिया जाता है। साल 2009 में जेल उत्कर्ष सुपर-100, कानपुर प्रोजेक्ट शुरू कर गेल इंडिया पथ प्रदर्शक रहा है। कानपुर केंद्र की सफलता के बाद गेल ने हल्द्वानी 2018-19 में तो वही बनारस में 2021-22 में समान परियोजनाओं की शुरुआत की जो केवल लड़कियों के लिए समर्पित केंद्र है जहां मेडिकल और इंजीनियरिंग दोनों की तैयारी कराई जाती है।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
