HEADLINES

उप्र के संभल हिंसा में और 91 उपद्रवियों की हुई पहचान

संभल हिंसा

संभल, 01 जनवरी (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित विवादित जामा मस्जिद सर्वे के दौरान 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा के 91 उपद्रवियों की पहचान हो गई है। उनकी तलाश में पुलिस दिल्ली एवं अन्य स्थानों पर लगातार दबिश दे रही है। पुलिस ने दावा किया है कि हिंसा में शामिल आरोपित युवाओं में से कई लोगों का ठिकाना दिल्ली में है। दिल्ली के बाटला हाउस से संभल निवासी अदनान को 23 दिसंबर को पुलिस गिरफ्तार करके यहां लाई थी। इस गिरफ्तारी से पहले पुलिस को कई आरोपितों के बाटला हाउस में होने की सूचना थी। पुलिस कार्रवाई के दाैरान एक ही आरोपित मिला था। हिंसा में 2750 से ज्यादा आरोपित हैं, जिसमें से तीन महिला समेत 51 उपद्रवियों को जेल भेजे जा चुका है।

पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बुधवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि 24 नवम्बर को जामा मस्जिद के पास कोर्ट कमिश्नर के सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी। नखासा तिराहा और हिंदूपुरा खेड़ा में पुलिस पर पत्थरबाजी और गोली चलायी गयी थी। दंगाइयाें ने उन्हें भी निशाना बनाया था लेकिन गनीमत यह रही थी कि फायरिंग में वे बच गए थे। पुलिस ने तीन स्थानों पर हुए बवाल में सात एफआईआर दर्ज की थीं। इसमें पांच एफआईआर संभल कोतवाली और दो एफआईआर नखासा थाने में दर्ज की गई थीं।

हिंसा में शामिल आरोपितों की पहचान के लिए कैमरे और मोबाइल से बनी वीडियो और फोटो से उपद्रवियों के चेहरे निकाले जा रहे हैं। इसमें 91 उपद्रवी ऐसे हैं, जिनकी पहचान कर ली गई है, लेकिन अभी वह घर छोड़कर भागे हुए हैं। जाे उपद्रवी भागे हुए हैं उनमें से ज्यादातर के दिल्ली में होने की सूचना है, जिनकी तलाश में पुलिस टीम जुटी हुई है और लगातार दबिश दे रही है। एसपी का कहना है कि हिंसा में जो भी उपद्रवी शामिल था उनकी गिरफ्तारी निश्चित होगी।

संभल हिंसा की एसआईटी जांच एएसपी अनुकृति शर्मा की निगरानी में चल रही है। इस दाैरान एसआईटी को कई ऐसे प्रमाण मिले हैं, जिसमें यह स्पष्ट हो गया है कि उपद्रवियों में दिल्ली में रहकर पढ़ाई करने वाले युवा भी शामिल थे, जो उपद्रव के बाद बाटला हाउस में जाकर रहे। पुलिस टीम बाटला हाउस पहुंची तो एक आरोपित अदनान तो पकड़ा गया लेकिन अन्य उपद्रवियों ने ठिकाना बदल लिया। एसआईटी की छानबीन में वाहन चोर शारिक साटा का नाम आया है, जो आईएसआई और दाऊद की गिरोह के लिए काम करता है। पुलिस को शक है कि बवाल में जो विदेशी कारतूस मिले हैं वह शारिक साटा द्वारा ही भेजे गए हैं।

पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई का कहना है कि जांच चल रही है। शारिक साटा आईएसआई से जुड़ा है और दाऊद इब्राहिम गिरोह के लिए काम तो करता है। बवाल में उसकी क्या भूमिका रही हैं, इसकी जांच की जा रही है।———–

(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल

Most Popular

To Top