कोलकाता, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राज्य सरकार ने जूनियर डॉक्टरों से अनशन समाप्त कर काम पर लौटने की अपील की है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के लगभग दो महीने पूरे होने वाले हैं, जिसके बाद कुछ जूनियर डॉक्टरों ने आमरण अनशन शुरू किया है। हालांकि, अधिकतर डॉक्टर काम पर लौट चुके हैं, लेकिन कुछ अभी भी अनशन पर हैं। राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंथ ने सोमवार को नवान्न में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि 10 तारीख तक डॉक्टरों की 90 फीसदी मांगें पूरी हो जाएंगी और डॉक्टरों से जनता की सेवा में जुटने की अपील की।
मनोज पंथ ने बताया कि राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 10 अक्टूबर तक 90 फीसदी कार्य पूरे हो जाएंगे। उन्होंने डॉक्टरों से समाज और लोगों की भलाई के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, हम सभी से काम पर लौटने की अपील कर रहे हैं। कई लोग लौट चुके हैं, बाकी भी लौटें। हम सभी मिलकर अस्पतालों के माहौल को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर की हत्या और बलात्कार की घटना के मामले में सोमवार को सीबीआई ने चार्जशीट दायर की। इस बीच, राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर अपने सुरक्षा के मुद्दे और अस्पताल के माहौल में सुधार की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। धर्मतला में शनिवार रात से कुछ जूनियर डॉक्टर आमरण अनशन कर रहे हैं। वे सीबीआई की जांच प्रक्रिया को लेकर भी नाराज हैं।
मुख्य सचिव ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरे लगाने से लेकर ड्यूटी रूम और शौचालयों की मरम्मत जैसे कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। साथ ही, अस्पतालों में रेफरल सिस्टम की भी चर्चा हुई है और 15 तारीख से इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा। उन्होंने बताया कि एक नवंबर से यह सिस्टम पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा। पैनिक बटन लगाने की मांग को भी एक नवंबर से पूरा किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि राज्य के 28 मेडिकल कॉलेजों में 7051 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिनमें से 45 फीसदी काम पहले ही हो चुका है। इसके अलावा, अस्पतालों में मरीजों को किस वजह से रेफर किया जा रहा है, इसका भी रिकॉर्ड रखना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी तत्परता के साथ काम कर रही है और 113 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर