— आंख से निकलेंगे अंगारे तो मुंह से बरसेंगे फूल
— राजस्थान का मुस्लिम परिवार तैयार कर रहा रावण, मेघनाथ और कुंभकरण का पुतला
कानपुर, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । नवरात्रि पर कानपुर की 148 वर्ष पुरानी परेड रामलीला में रोजाना मंचन हो रहा है और विजयादशमी को लेकर तैयारियां हो रही हैं। इन तैयारियों में सबसे खास हैं रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले जो आधुनिक तकनीक से लैस होकर राजस्थान का मुस्लिम परिवार बना रहा है। कारीगर सलीम खान के अनुसार पुतले अंतिम दौर पर हैं और समय से तैयार हो जाएंगे। रावण का पुतला 90 फीट, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले 70—70 फीट के होंगे। रावण का पुतला जब दहन होगा तो उसके आंख से अंगारे निकलेंगे और मुंह से फूल बरसेंगे।
विजयादशमी पर शहर में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक रावण के हजारों पुतले फूंके जाते हैं, लेकिन परेड रामलीला के रावण को हर शहरवासी देखना चाहता है। यहां पर जो रावण का पुतला बनाया जाता है जो शहरभर के सभी पुतलों से अधिक लंबाई का होता है। इसके साथ यहां के पुतलों में तकनीक का प्रयोग बेहतर रहता है, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसीलिए यहां पर रावण दहन शहर भर में होने वाले रावण दहनों के बाद किया जाता है, ताकि अधिक से अधिक लोग पहुंच सके। लोग यह देखने जरुर जाते हैं कि अबकी बार परेड रामलीला के रावण में नया क्या है और पुतला बनाने वाले कारीगर हर वर्ष कुछ न कुछ नया करते हैं। इन पुतलों को राजस्थान का एक मुस्लिम परिवार विगत 22 वर्षों से बनाता आ रहा है और इन दिनों उनका काम लगभग अंतिम पड़ाव पर है।
शुक्रवार को रावण का पुतला बनाने वाले सलीम खान ने बताया कि आधुनिकता और नवीनीकरण के साथ पुतले तैयार किये जा रहे हैं। रावण का पुतला 90 फीट, मेघनाथ और कुंभकरण का पुतला 70—70 फीट के बनाये गये हैं। रावण का पुतला जो बनाया गया है वह रामलीला देखने आए दर्शकों को गर्दन घुमा—घुमा कर देखेगा और उसके एक एक सिर को बारी-बारी से विस्फोट किया जाएगा। यह विस्फोट भी रिमोट के जरिये होगा। पुतला दहन के दौरान रावण के आंख से अंगारे और मुंह से फूलों की वर्षा होगी। कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों पर पैर बनाए गए हैं तो वहीं रावण अपनी शाही पोशाक में दिखाई देगा।
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(Udaipur Kiran) / अजय सिंह