मंडी, 6 नवंबर (Udaipur Kiran) । अयोध्या के बाद देश के पहले 9 दिवसीय श्रीरामार्चा महायज्ञ महोत्सव का शुभारंभ भव्य शोभायात्रा के साथ हो गया। 151 दिव्य क्लशों व ध्वजा पताका के साथ पुलिस होमगार्ड बैंड की धुन और गणपति जलौनी, स्नोर घाटी की देवी जालपा, पुरानी मंडी की देवी जगजननी के देवलुओं ने पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाकर छोटी काशी मंडी को गुंजायमान कर दिया। शोभायात्रा शीतला मंदिर समखेतर से पड्डल मैदान पहुंची, जहां देवी देवता अपने अपने पंडाल में विराजमान हुए और कथा व्यास श्रीमानस पीठाधीश्वर जगतगुरु श्री रामानन्दाचार्य स्वामी श्री रामललाचार्य जी महाराज श्री मानस पीठ खजुरीताल जिला मैहर मध्यप्रदेश ने श्रीराम कथा का शुभांरभ श्रीराम नाम संकीर्तन से किया।
बता दें कि मंडी के छोटा पड्डल मैदान में श्रीरामार्चा महायज्ञ व श्रीराम कथा का आयोजन महंत स्वामी श्री राजेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज द्वारा करवाया जा रहा है। इस महायज्ञ में देशभर से विभिन्न संप्रदायों, दंडी स्वामी, अखाडों से संत भाग ले रहे हैं। काशी के विद्वान वटुकों द्वारा स्वास्तिवाचन और वेद पाठ किया जा रहा है। इसके साथ ही यज्ञेश्वरी देशी गौमाता का दूध, घी और गौमूत्र यज्ञ के उपयोग में लिया जा रहा है। बच्छड़ों सहित 12 गौमाता और एक बड़ा नंदी यज्ञ स्थल की शोभा बढ़ा रहे हैं।
भगवान शिव ने किया था पहली बार
महंत राजेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि ब्रह्मांड में सबसे पहले श्रीरामार्चा महायज्ञ भगवान शिव ने किया था तदोपरांत ब्रह्माजी से इस यज्ञ को किया था। इस यज्ञ में भाग लेने या सेवा करने या फिर प्रसाद ग्रहण करने का बराबर फल है, इसलिए यज्ञ में सम्मिलित होने पर कल्याण ही कल्याण होगा।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा