-10 साल कठोर कारावास के साथ जुर्माना भी लगाया
गुरुग्राम, 18 मार्च (Udaipur Kiran) । आठ साल पहले मारपीट व डकैती के केस में यहां की एक अदालत ने बावरिया गैंग के 8 आरोपियों को मंगलवार को दोषी ठहराया। उन्हें 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया गया है।
पुलिस के अनुसार 11 अगस्त 2016 को एक व्यक्ति ने थाना मानेसर जिला गुरुग्राम में शिकायत दी थी। शिकायत में कहा गया था कि 10/11 अगस्त 2016 की रात को गांव नैनवाल में कुछ व्यक्तियों ने उनके घर का दरवाजा खटखटाया। उसने दरवाजा खोला तो उन व्यक्तियों ने उसके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। आनन-फानन में उसने दरवाजा बंद कर लिया। इसके बाद हमलावर वहां से फरार हो गए। इस शिकायत पर शिकायत पर थाना मानेसर में केस दर्ज किया गया। पुलिस टीम द्वारा इस मामले की जांच में पता चला कि हमले के आरोपियों द्वारा इस दौरान गांव सहरावन में भीउसी रात एक परिवार के लोगों के साथ मारपीट कर डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। कुछ अन्य सबूतों के आधार पर पुलिस टीम द्वारा इस केस में डकैती, शस्त्र अधिनियम से संबंधित धाराएं जोड़ी।
इस मामले में कार्रवाई करते हुए गुरुग्राम पुलिस द्वारा 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों की पहचान पहचान जय भगवान निवासी छुछकवास जिला झज्जर (हरियाणा), राजबीर उर्फ नाहर सिंह निवासी शिव कॉलोनी जिला झज्जर (हरियाणा), राका उर्फ जितेंद्र उर्फ धर्मवीर निवासी गसिंगपुर जिला फर्रुखाबाद (उत्तर-प्रदेश), नरेश उर्फ संदीप निवासी गांव गसिंगपुर जिला फर्रुखाबाद (उत्तर-प्रदेश), लंबू उर्फ तुली उर्फ विनय निवासी गांव कबूलपुर जिला फरीदाबाद हाल निवासी गांव गोकलगढ़ जिला रेवाड़ी (हरियाणा), मुन्ना उर्फ लक्की उर्फ आयन निवासी दास गार्डन बापड़ोला नजफगढ़, दिल्ली, हेमंत उर्फ धर्म निवासी गांव बापड़ोला नजफगढ़, दिल्ली व सुनील उर्फ सागर निवासी गांव बांपोई आजाद नगर जिला फर्रुखाबाद (उत्तर-प्रदेश) के रूप में हुई।
गुरुग्राम पुलिस द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद मामले की जांच गहनता से की गई। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सभी आवश्यक साक्ष्य व गवाह एकत्रित करके अदालत में पेश किए। मंगलवार को एडिशनल सेशन जज गुरुग्राम पुनीत सहगल की अदालत ने आरोपियों के खिलाफ दिए गए साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया। अदालत ने आरोपियों को धारा 458 आईपीसी के तहत 10 वर्षों की कैद (कठोर कारावास) व 5 हजार रुपए जुर्माना, धारा 398 आईपीसी के तहत 10 वर्षों की कैद (कठोर कारावास) व धारा 395 आईपीसी के तहत 10 वर्षों की कैद (कठोर कारावास) व 5 हजार रुपए जुर्माना तथा धारा 397 आईपीसी के तहत 10 वर्षों की कैद (कठोर कारावास) की सजा सुनाई।
(Udaipur Kiran)
