भद्रवाह, 27 नवंबर हि.स.। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के एक वन क्षेत्र में 100 से अधिक शंकुधारी पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया जिसके बाद वन विभाग ने दोषियों को सजा दिलाने के लिए जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों आज यह जानकारी दी।
स्थानीय लोगों और पर्यावरणविदों ने बदमाशों द्वारा वन संपदा की बेरोकटोक तस्करी को रोकने में संबंधित विभाग की कथित विफलता पर चिंता व्यक्त की और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। चिनाब सर्कल के वन संरक्षक संदीप कुमार ने पुष्टि की कि चिराला रेंज के तांता वन क्षेत्र में 100 से अधिक पेड़ों की कटाई से जुड़े 77 मामले मंगलवार को उनके संज्ञान में आए और जांच चल रही है।
कुमार ने कहा कि तस्करी के लिए कुख्यात तांता में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की सूचना मिलने पर चार जांच दल गठित किए गए और उन्हें वन क्षेत्र में भेजा गया जिसके बाद अवैध लकड़ी से लदे वाहनों को जब्त किया गया। अधिकारी ने कहा कि एक एफआईआर दर्ज की गई है जबकि तस्करी को रोकने के लिए पुलिस और अन्य एजेंसियों से सहायता मांगी गई है। उन्होंने कहा कि वे वन अधिकारियों और तस्करों के बीच संभावित सांठगांठ की भी जांच कर रहे हैं ताकि नियमों के अनुसार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।
कुमार ने कहा कि हाल ही में दो अलग-अलग मामलों में (तस्करों के साथ) मिलीभगत के लिए छह अधिकारियों को निलंबित किया गया था। स्थानीय लोग और पर्यावरणविद मीडियाकर्मियों की एक टीम के साथ वन क्षेत्र में गए जहां कंपार्टमेंट नंबर तीन में मोना नाला में तस्करों द्वारा देवदार कैल और फर सहित शंकुधारी पेड़ों को काटा गया था।
तांता पंचायत के पर्यावरणविद् बिलाल वानी ने कहा कि तस्करों और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की कमी वन संपदा की इस तरह की लूट का मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि तस्कर पेड़ों को काटने के लिए प्रतिबंधित यांत्रिक कटर का उपयोग करते हैं और भाग जाते हैं जबकि उन्होंने बार-बार वन अधिकारियों को मामले की सूचना दी है।
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(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता