Madhya Pradesh

मप्र में वंचित वर्ग की बालिकाओं के लिये 732 छात्रावासों का हो रहा है संचालन

– छात्रावासों में 76 हजार से अधिक बालिकाएं कर रही हैं अध्ययन

भोपाल, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा सुविधा से वंचित रहने वाली बेघर, अनाथ, शाला से बाहर बालिकाओं के लिये अध्ययन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये 732 बालिका छात्रावास और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। इन छात्रावासों में करीब 76 हजार 450 बालिकाएं अध्ययनरत हैं। इन छात्रावासों का संचालन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है। यह जानकारी शुक्रवार को जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने दी।

बालिका छात्रावास

वर्तमान में 324 बालिका छात्रावास संचालित हो रहे हैं। इनमें करीब 23 हजार 100 बालिकाएं अध्ययनरत हैं। बालिका छात्रावास की गतिविधियों में बालिकाओं को वृतिका, आत्मरक्षा प्रशिक्षण, स्पोटर्स फॉर डेवलपमेंट, लायब्रेरी एवं उपचारात्मक शिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय केन्द्र सरकार की मदद से संचालित किये जा रहे हैं, यह विद्यालय उन क्षेत्रों में संचालित किये जा रहे हैं, जहाँ महिला साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से कम है। इन छात्रावासों में 75 प्रतिशत बालिकाएं अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय की हैं। शेष 25 प्रतिशत बालिका अल्पसंख्यक एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाली अनाथ, बेसहारा एवं एकल परिवार से ताल्लुक रखती हैं। चयनित बालिकाओं को कक्षा 8वीं तक की शिक्षा पूरी करने के लिये आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। वर्तमान में संचालित 207 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में करीब 33 हजार 250 बालिकाएं लाभान्वित हो रही हैं। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत कक्षा 9वीं से 12वीं के लिये 201 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनमें 20 हजार 100 बालिकाओं को अध्ययन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। छात्राओं को आवासीय सुविधा के साथ भोजन, स्पोटर्स, आत्मरक्षा, कैरियर काउंसलिंग और उपचारात्मक शिक्षा की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।

पलायन छात्रावास

प्रदेश में ऐसे परिवार, जो प्राय: खेती के समय रोजगार की तलाश में एक शहर से दूसरे शहर पलायन करते हैं। पलायन के समय वे अपने साथ शाला जाने योग्य बच्चों को भी ले जाते हैं। इससे उनकी पढ़ाई अवरूद्ध होती है। ऐसे बच्चे जब वापस गांव आते हैं, उनकी दक्षता का विकास करने के लिये पलायन छात्रावासों का प्रावधान स्कूल शिक्षा विभाग ने वार्षिक कार्य योजना में शामिल किया है।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत / मयंक

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