शिमला, 19 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश की 723 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त पाई गई हैं। इन्हें टीबी मुक्त घोषित किया गया है। टीबी उन्मूलन पर शनिवार को शिमला में आयोजित एक कार्यशाला में यह जानकारी सामने आई है। राज्य टीबी सेल तथा एनएचएम ने द यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरकुलोसिस के सहयोग से इस कार्यशाला का आयोजन किया।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक प्रियंका वर्मा ने बताया कि प्रदेश में टीबी को खत्म करने के लिए राज्य सरकार ने कई नई पहलों को लागू किया है। इस कड़ी में संडे एसीएफ अभियान शामिल हैं। इसके तहत आशा कार्यकर्ता प्रत्येक रविवार को टीबी के लिए जोखिम वाली आबादी की स्क्रीनिंग करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप 2023 में 23 लाख से अधिक व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई, जिनमें से 219 लोगों में टीबी बीमारी पाई गई।
प्रियंका वर्मा ने बताया कि टीबी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 27 सरकारी विभागों को शामिल करते हुए सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम चलाया जा रहा है। प्रदेश की 723 पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हिमाचल प्रदेश टीबी उन्मूलन में आगे बढ़ रहा है, यह जरूरी है कि हम न केवल अपनी स्थानीय प्रगति को दिखाएं, बल्कि अपनी उपलब्धियों की तुलना राष्ट्रीय और वैश्विक मानकों से भी करें। यह व्यापक दृष्टिकोण हमें राज्य में अपनाई गई नई तरीकों को उजागर करने में मदद करता है, जैसे कि विभिन्न क्षेत्रों के साथ मिलकर काम करना। इसके साथ ही मीडिया विभिन्न जिम्मेदार व्यक्तियों को उनके कर्तव्यों के प्रति जवाबदेह बनाने और कार्यक्रमों के संदर्भ में जरूरी जानकारी देकर सामूहिक प्रयास को प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि डेटा आधारित कहानियों को महत्व देकर, हम जनता का विश्वास मजबूत कर सकते हैं और टीबी के खिलाफ चल रही लड़ाई में उनकी भागीदारी बढ़ा सकते हैं।
डॉ. रविंदर कुमार, राज्य कार्यक्रम अधिकारी (एनटीईपी) ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने टीबी उन्मूलन में बड़ी प्रगति की है, जिसमें केमिस्ट एसोसिएशन, स्व-सहायता समूहों, युवाओं, मेडिकल कॉलेजों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की सक्रिय भागीदारी अहम रही है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा