
शिमला, 13 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार को शिमला से प्रदेश के 70 शिक्षकों को सिंगापुर के शैक्षणिक दौरे के लिए रवाना किया। यह दौरा हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में नवाचार और वैश्विक अनुभव के उद्देश्य से उठाए गए कदमों की एक अहम कड़ी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि हिमाचल को वर्ष 2032 तक देश का सबसे बेहतर शिक्षा राज्य बनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सिंगापुर की प्रतिष्ठित प्रिंसिपल्स अकादमी के साथ एक ऐतिहासिक समझौता किया है, जिसके तहत शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण मिलेगा। इससे न केवल शिक्षकों के ज्ञान और कौशल में वृद्धि होगी, बल्कि शिक्षा प्रणाली में भी व्यापक सुधार होंगे। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि इसका सीधा लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा और प्रदेश की शिक्षा प्रणाली और अधिक समावेशी, प्रभावी और आधुनिक बन सकेगी।
सुक्खू ने कहा कि भ्रमण और अनुभव से व्यक्ति का दृष्टिकोण व्यापक होता है। उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में पिछले दो वर्षों में शुरू की गई बदलाव की प्रक्रिया के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। हाल ही में जारी असर रिपोर्ट (जनवरी, 2025) में हिमाचल के विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर देश में सर्वश्रेष्ठ आंका गया है।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रदेश के स्कूल पाठ्यक्रम में बदलाव लाया जाए और सामान्य ज्ञान जैसे विषयों को भी शामिल किया जाए। सरकार ऐसी शिक्षा नीति पर काम कर रही है जो छात्रों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की इस यात्रा से उन्हें विश्व स्तरीय शिक्षा पद्धतियों का अनुभव मिलेगा, जिसे वे लौटकर छात्रों के साथ साझा करेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना, सुख शिक्षा योजना, राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जैसी पहलों से शिक्षा क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए उन्हें शैक्षणिक किट भी भेंट की।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि अब तक प्रदेश सरकार द्वारा 267 शिक्षकों को सिंगापुर भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक दौरा नहीं बल्कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने की ऐतिहासिक पहल है। उन्होंने बताया कि सरकार अब छात्रों को भी शैक्षणिक भ्रमण के लिए विदेश भेज रही है ताकि वे वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हो सकें।
रोहित ठाकुर ने कहा कि क्लस्टर स्कूल प्रणाली की शुरुआत से संसाधनों का बेहतर और सामूहिक उपयोग सुनिश्चित हुआ है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में बड़ा सुधार आया है।
इस मौके पर शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के केंद्र में शिक्षक ही हैं और उनका प्रशिक्षण सर्वोपरि है। समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने आभार जताते हुए विभाग की नवाचारी पहलों की जानकारी दी।
—————
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
