हाई कोर्ट के निर्देश पर पंजाब सरकार ने की कार्रवाई
चंडीगढ़, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पंजाब सरकार ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का जेल से इंटरव्यू करवाने के मामले में 7 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर सरकार ने यह कार्रवाई की है। गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई के दो इंटरव्यू वायरल हुए थे। एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 व 4 सितंबर 2022 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में खरड़ स्थित सीआईए में था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है।
लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था, जिसमें उसने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूली थी। लॉरेंस का कहना था कि सिद्धू मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। लॉरेंस के इंटरव्यू वर्ष 2023 में 14 और 17 मार्च को जारी किए गए थे। जिसके बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठे थे। इसके बाद पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। हालांकि जांच में यह साफ हो गया कि लॉरेंस का इंटरव्यू खरड़ में किया गया है।
इस मामले में हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिए थे कि वह मामले में कार्रवाई कर रिपोर्ट दाखिल करे। जिसके बाद शुक्रवार रात पंजाब गृह विभाग के प्रमुख सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह ने आदेश जारी कर डीएसपी गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), डीएसपी समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (सीआईए खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (एजीटीएफ में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (एजीटीएफ), एएसआई मुखत्यार सिंह और हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश को निलंबित कर दिया। पंजाब सरकार अब इस मामले में हाई कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करेगी।
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(Udaipur Kiran) शर्मा