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देने थे 7.35 लाख, मांग लिए 15.57 लाख, कोर्ट ने लगाया 5 लाख रुपए का हर्जाना

कोर्ट

जयपुर, 30 अप्रैल (Udaipur Kiran) । वाणिज्यिक अदालत क्रम-1 महानगर द्वितीय ने अदालत में झूठा शपथ पत्र देने और अदालती समय खराब करने के लिए फिजूल का प्रार्थना पत्र पेश करने पर अपीलार्थी डीसीएम श्रीराम इंडस्ट्रीज पर पांच लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। इसके साथ ही अदालत ने शपथ पत्र पेश करने वाले एनपी जैन को नोटिस जारी की जवाब तलब किया है। अदालत ने कहा है कि हर्जाना राशि एक माह में हाईकोर्ट के पक्षकार वेलफेयर फंड में जमा कराई जाए। वहीं अदालत ने गंगानगर शुगर मिल लि. को कहा है कि वह अपनी बकाया राशि की वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई अमल में लाने के लिए स्वतंत्र है। पीठासीन अधिकारी दिनेश कुमार गुप्ता ने कहा कि प्रार्थी कंपनी ने गंगानगर शुगर मिल को 7.35 लाख रुपये का कम भुगतान दिया था। इसके बावजूद बिना किसी आधार उसने वसूली प्रार्थना पत्र पेश कर ब्याज सहित 15.57 लाख रुपए की मांग कर दी। यह प्रार्थना पत्र बीते 11 साल से लंबित है, जो ना केवल न्यायिक प्रक्रिया के घोर दुरुपयोग कर श्रेणी में आता है, बल्कि इसमें शुगर मिल का भी श्रम और धन व्यय होने के साथ ही अदालत का समय बर्बाद हुआ है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश की पालना में गंगानगर शुगर मिल प्रार्थी कंपनी से 24.09 लाख रुपए व दावा पेश करने की तारीख से 18 फीसदी ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी थी। शुगर मिल ने जनवरी, 1980 में वाद दायर किया था और प्रार्थी कंपनी ने अप्रैल, 1999 में राशि जमा कराई थी। मामले में प्रार्थी कंपनी ने 7.35 लाख रुपए की राशि कम अदा की थी। इसके बावजूद भी कंपनी ने वसूली प्रार्थना पत्र पेश कर कुल 8.14 लाख रुपये सहित कुल 15.57 लाख रुपये गंगानगर शुगर मिल से दिलाने की गुहार की। वहीं अदालत में राशि की गलत गणना करते हुए गलत राशि की मांग को जायज ठहराया गया है। इसके अलावा अदालत में शपथ पत्र भी पेश कर अपनी गलत मांग को दोहराया। ऐसे में कंपनी का वसूली प्रार्थना पत्र पांच लाख रुपये हर्जाने के साथ खारिज किया जाता है।

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(Udaipur Kiran)

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