लखनऊ, 06 सितम्बर (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट डबल बेंच का आदेश आने के बाद से लगातार 69 हजार शिक्षक भर्ती के अंतर्गत नियुक्ति की मांग को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं। अभ्यर्थी रोजाना किसी न किसी मंत्री के आवास घेर रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के आवास का घेराव किया। यहां बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थी जोरदार नारेबाजी करते हुए हाईकोर्ट डबल बेंच के फैसले का पालन करने व नियुक्ति दिए जाने की मांग की।
इससे पहले इन अभ्यर्थियों ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और राज्य कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के आवास का घेराव कर चुके हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि इन सभी मंत्री नेताओं ने अभी तक केवल आश्वासन दिया है किसी के आश्वासन से कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही।
आंदोलन व धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि हम ओबीसी और एससी वर्ग के नेताओं और मंत्रियों के आवास का घेराव इसलिए भी कर रहे हैं कि वह मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात कर इस मामले का समाधान कराये। हम सभी अभ्यर्थी पिछले चार साल से सड़कों पर भटक रहे हैं अब कोर्ट का फैसला आया है तो इसका पालन किया जाना चाहिए।
अमरेंद्र पटेल ने बताया कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया। एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीते 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है और नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया है। लेकिन सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली कर रही है हम चाहते हैं की सरकार जल्द से इस प्रकरण का समाधान करें और एक शेड्यूल जारी करके बताएं कि हम पीड़ितों की नियुक्ति कब की जा रही है।
पटेल ने कहा कि, कोर्ट ने 69 हजार शिक्षक भर्ती मूल चयन सूची रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है। लेकिन सरकार ने अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया है केवल एक मीटिंग की है। हमारी मांग है कि सरकार हमारी चयन संबंधित प्रकिया का कार्यक्रम शेड्यूल जारी कर दे।
(Udaipur Kiran) / दीपक वरुण