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एयरोस्पेस मेडिसिन संस्थान की मेजबानी में 63वां वार्षिक सम्मेलन 05-07 दिसंबर को 

भारतीय एयरोस्पेस मेडिसिन सोसायटी लोगो

– सम्मेलन में एयरोस्पेस चिकित्सा अनुसंधान से सम्बंधित सौ से अधिक वैज्ञानिक पत्र पेश होंगे

नई दिल्ली, 04 दिसंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय एयरोस्पेस मेडिसिन सोसायटी (आईएसएएम) बेंगलुरु के एयरोस्पेस मेडिसिन संस्थान (आईएएम) में अपना 63वां वार्षिक सम्मेलन 05 से 07 दिसंबर तक आयोजित कर रही है। सम्मेलन में सौ से अधिक वैज्ञानिक पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। इस सम्मेलन का मकसद देश में एयरोस्पेस चिकित्सा अनुसंधान और नीति के भविष्य को आकार देना है। यह संस्थान देश के अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के मानवीय पहलुओं सहित सैन्य और नागरिक एयरोस्पेस चिकित्सा से संबंधित है।

भारतीय एयरोस्पेस मेडिसिन सोसायटी को वर्ष 1952 में स्थापित किया गया था, जो भारत में एयरोस्पेस चिकित्सा के ज्ञान और अभ्यास को बढ़ावा देने के लिए पंजीकृत है। अनुसंधान को आगे बढ़ाने और एयरोमेडिकल चुनौतियों का समाधान खोजने के उद्देश्य से यह सोसायटीवर्ष 1954 से वार्षिक वैज्ञानिक सम्मेलन आयोजित कर रही है। इस सम्मेलन का विषय ‘अनुसंधान के लिए सहयोग’ है, जो विमानन और अंतरिक्ष चिकित्सा के क्षेत्रों में साझेदारी और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए एक दूरदर्शी दृष्टिकोण पर प्रकाश डालता है। यह सहयोग एयरोस्पेस चिकित्सा के क्षेत्र में सार्थक अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाने के लिए अंतःविषय सहयोग और सामूहिक समस्या समाधान की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर देता है।

विंग कमांडर जयदीप सिंह ने बताया कि सम्मेलन का उद्घाटन 05 दिसंबर को वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल एसपी धारकर करेंगे। सम्मेलन में हाइब्रिड प्रारूप में सैन्य और नागरिक उड्डयन से एयरोस्पेस चिकित्सा के प्रतिष्ठित देश और दुनिया भर से लगभग 300 पेशेवर प्रतिभागी शामिल होंगे। इनमें डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के प्रमुख सदस्यों और इसरो के वैज्ञानिकों सहित संबद्ध संस्थानों के शोधकर्ता भी शामिल हैं। सम्मेलन में एयर मार्शल सुब्रतो मुखर्जी स्मारक के लिए मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम निदेशालय (डीएचएसपी) इसरो के पूर्व निदेशक और वर्तमान में आईआईटी मद्रास के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ. वीआर ललिताम्बिका का भाषण मुख्य होगा।

एक अन्य महत्वपूर्ण व्याख्यान में ऋषि घाटी ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र से विंग कमांडर कार्तिक कल्याणराम (सेवानिवृत्त) शामिल होंगे, जो 06 दिसंबर को प्रतिष्ठित एयर वाइस मार्शल एमएम श्रीनागेश स्मारक भाषण देंगे। इसके अतिरिक्त जेमी हरमुसजी फ्रेमजी मानेकशॉ पैनल में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के शानमुघा कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान अकादमी (एसएएसटीआरए) के परियोजना प्रमुख डॉ. एसएल वाया और इसरो के डीएचएसपी के निदेशक डॉ. हनुमंतराय बालुरगी अतिथि व्याख्यान में शामिल होंगे।

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(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम

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