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इलाज का खर्च नहीं देने पर बीमा कंपनी पर लगाया 61 हजार रुपये हर्जाना

कोर्ट

जयपुर, 22 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । जिला उपभोक्ता आयोग, जयपुर-द्वितीय ने हेल्थ पॉलिसी की अवधि के दौरान सीनियर सिटीजन को इलाज का खर्च देने से मना करने को सेवा दोष करार दिया है। वहीं बीमा कंपनी स्टार हेल्थ एंड एलाई इंश्योरेंस कंपनी पर 61 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। आयोग ने बीमा कंपनी को कहा है कि वह परिवादी को इलाज पर खर्च हुई राशि 90,670 रुपये उसे 9 प्रतिशत ब्याज सहित दे। आयोग के अध्यक्ष ग्यारसीलाल मीना व सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह आदेश रविदत्त शर्मा के परिवाद पर दिया। आयोग ने कहा कि परिवादी सीनियर सिटीजन है और साल 2012 से 2017 तक पॉलिसी रिन्यू हुई है। परिवादी का निजी अस्पताल में इलाज हुआ है और उसके बाद कीमोथेरेपी ली है, लेकिन बीमा कंपनी ने परिवादी के इलाज क्लेम को ओरल कीमोथेरेपी के आधार पर खारिज किया है। जबकि परिवादी के इतने साल पॉलिसी चलाने के बाद कोई बीमारी होने व डॉक्टरी जांच और निर्देश के बाद ही इलाज किया है। ऐसे में परिवादी के क्लेम को ओरल कीमोथेरेपी का हवाला देकर खारिज नहीं किया जा सकता। परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने खुद व अपनी पत्नी के लिए 33,652 रुपए का प्रीमियम देकर हेल्थ पॉलिसी ली थी। इस पॉलिसी की अवधि 21 सितंबर 2016 से 20 सितंबर 2017 तक थी। इस दौरान 29 सितंबर 2016 को परिवादी की तबीयत बिगडने पर उसे निजी अस्पताल में दिखाया। वहां पर उसे भर्ती किया और इलाज के बाद 3 अक्टूबर को डिस्चार्ज किया। वहीं इसके बाद महावीर कैंसर अस्पताल में भी उसका इलाज किया। इलाज पर 90,670 रुपए का खर्चा हुआ। परिवादी ने जब हेल्थ पॉलिसी के तहत बीमा कंपनी में इलाज खर्च राशि के पुनर्भुगतान का क्लेम किया तो उसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसने ओरल कीमोथेरेपी ली थी और यह पॉलिसी में कवर नहीं है। इसे परिवादी ने जिला उपभोक्ता आयोग में चुनौती देते हुए इलाज राशि हर्जा-खर्चा सहित दिलवाए जाने का आग्रह किया। जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बीमा कंपनी को इलाज में खर्च राशि के साथ ही हर्जाने के तौर पर 61 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है।

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(Udaipur Kiran)

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