मुंबई ,23 मई, ( हि. स. ) । खरीफ सीजन की शुरुआत के साथ ही जिले में रासायनिक खाद और बीज की आपूर्ति शुरू हो गई है। इस संबंध में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार, ठाणे जिले में कुल छह उड़न दस्ते स्थापित किए गए हैं, जिनमें से एक जिला स्तर पर और पांच तहसील स्तर पर हैं।
इन उड़न दस्तों का उद्देश्य कृषि आदानों का सख्त गुणवत्ता निरीक्षण सुनिश्चित करना, शिकायतों का शीघ्र निवारण करना तथा अवैध बिक्री पर नियंत्रण करना है।भराड़ी टीम का कार्य यह है कि जिले के किसान अपनी शिकायतें सीधे भराड़ी टीम के सदस्यों के समक्ष जब प्रस्तुत करें,तब उसकी जांच करें। यह जांच की जाएगी कि बीज और रासायनिक उर्वरक बेचते समय किसानों को खरीद बिल दिए गए हैं या नहीं।यह जांच की जाएगी कि इनपुट बिक्री रसीदों पर किसानों के हस्ताक्षर लिए गए हैं या नहीं। बिना लाइसेंस के इनपुट बेचने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विक्रेताओं के पंजीकरण प्रमाणपत्रों और लाइसेंसों का सत्यापन किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे वैध हैं।गुणवत्ता नियंत्रण से संबंधित अन्य सभी जिम्मेदारियां भी इसके माध्यम से पूरी की जाएंगी।जिला स्तरीय उड़नदस्ता: की संरचना इस प्रकार से है। जिला स्तरीय उड़नदस्ते में टीम लीडर: कृषि विकास अधिकारी शामिल रहेंगे।सदस्य: संबंधित उप-विभागीय कृषि अधिकारी, अभियान अधिकारी (जिला परिषद), निरीक्षक (लिथुआनियाई मेट्रोलॉजी), जिला गुणवत्ता नियंत्रण निरीक्षक शामिल रहेंगे तहसील स्तरीय उड़न दस्ता इस प्रकार होगा।टीम प्रमुख तहसील कृषि अधिकारीसदस्य: कृषि अधिकारी (तालुका कृषि कार्यालय), निरीक्षक (कानूनी सर्वेक्षण), मंडल कृषि अधिकारी, कृषि अधिकारी (पंचायत समिति) को सम्मिलित किया जाएगा बताया जाता है कि ठाणे जिले के सभी किसान यह सुनिश्चित करें कि खाद व बीज खरीदते समय उन्हें बिल मिले तथा किसी भी प्रकार की शिकायत होने पर वे उड़नदस्ता अधिकारियों से संपर्क करें। कृषि विकास अधिकारी मुनीर बछोटीकर ने बताया कि कृषि विभाग गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है और ये टीमें किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से काम करेंगी।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
