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बिना अधिवक्ताओं के न्यायालयों में निस्तारित हुए 548 वाद

अधिवक्ता की टाई की प्रतीकात्मक फोटो

गाजियाबाद, 10 दिसंबर (Udaipur Kiran) । एक तरफ जहां पिछले 40 दिनों से अधिवक्ता जिला न्यायालय के कोर्ट रूम में हड़ताल पर हैं, वहीं बिना अधिवक्ताओं से अलग-अलग अदालतों में 548 वाद निस्तारित हुए, जबकि 104 वादकारियों ने न्यायालय में वाद दाखिल किया। अलग-अलग न्यायालय में 85 जमानत प्रार्थना पत्र, 15 क्रिमिनल विविध वाद/परिवाद, एक वारंट और तीन वैवाहिक वाद दाखिल हुए। इसके अलावा 21 अलग-अलग मामलों में बयान दर्ज हुए।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुमार मिताक्षर ने बताया कि मंगलवार को 96 जमानत प्रार्थना पत्र, 333 क्रिमिनल मिसलेनियस वाद, 18 सत्र परीक्षण, चार चालान, 16 ड्रग से संबंधित वाद (एनआईए एक्ट), पांच सिविल वाद, दो निष्पादन वाद, दो पारिवारिक न्यायालय, एक फौजदारी निगरानी, एक-एक सिविल रिविजन व सिविल अपील और 18 सिविल विविध वादों का निस्तारण किया गया। 21 मामलों में साक्षियों के बयान दर्ज किए गए। 20 फौजदारी मामलों में अभियुक्त के विरुद्ध आरोप तय किए गए। सचिव ने बताया कि जनपद न्यायालय में सबसे अधिक 21 जमानत प्रार्थना पत्रों का निस्तारण किया गया।

चार दिसंबर से अब तक कार्रवाई पर एक नजर

चार दिसंबर से अब तक 370 नये वाद दाखिल हुए, इसमें 250 जमानत प्रार्थना पत्र, 72 क्रिमिनल विविध वाद/परिवाद, 37 वारंट/समन वाद व 11 वैवाहिक वाद दाखिल हुए। जबकि 387 जमानत प्रार्थना पत्र, 545 क्रिमिनल मिसलेनियस वाद, 44 सत्र परीक्षण, 420 चालान, 16 138 एन. आई. एक्ट का वाद, 09 सिविल वाद, 04 निष्पादन वाद, 06 पारिवारिक वाद, 01 फौजदारी निगरानी, 01 सिविल रिविजन, 01 सिविल अपील व 40 सिविल विविध वादों का निस्तारण किया गया। 128 मामलों में साक्षियों के बयान दर्ज किए गए। 83 फौजदारी मामलों में अभियुक्त के विरुद्ध आरोप तय किए गए।

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(Udaipur Kiran) / फरमान अली

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