Madhya Pradesh

पश्चिम मध्य रेल में 53 स्टेशनों का हो रहा कायाकल्प

पश्चिम मध्य रेल के स्टेशनों के काया कल्प

जबलपुर, 20 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के अन्तर्गत आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर भारतीय रेल के प्रमुख स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। यह योजना दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ स्टेशनों के विकास की परिकल्पना करती है। पश्चिम मध्य रेलवे पर अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत रेलवे स्टेशनों पर विश्वस्तरीय यात्री सुविधायें उपलब्ध कराने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस योजना में दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ स्टेशनों का विकास किया जा रहा है। इसी कड़ी में जबलपुर, भोपाल एवं कोटा मण्डलों के अमृत स्टेशन योजना के तहत पश्चिम मध्य रेल के 53 रेलवे स्टेशनों पर चल रहे पुनर्विकास कार्य प्रगति पर है। तीनों मण्डलों के पुनर्विकसित स्टेशनों की जानकारी इस प्रकार है।

जबलपुर मण्डल के स्टेशनों में जबलपुर, सतना, कटनी, मैहर, दमोह, करेली, ब्यौहारी, रीवा, सागर, नरसिंहपुर, कटनी मुड़वारा, पिपरिया, गाडरवारा, सिहोरा रोड, श्रीधाम, कटनी साऊथ, एवं बरगवां रेलवे स्टेशन है।

भोपाल मंडल के स्टेशनों में भोपाल, बीना, संत हिरदाराम नगर, गंजबासौदा, विदिशा, अशोक नगर, रुठियाई, ब्यावरा राजगढ़, साँची, शाजापुर, खिरकिया, बानापुरा, इटारसी, गुना, नर्मदापुरम, हरदा एवं शिवपुरी रेलवे स्टेशन है।

कोटा मंडल के स्टेशनों में कोटा, डकनिया तलाव, भरतपुर, गंगापुर सिटी, सवाई माधोपुर, रामगंजमंडी, भवानी मंडी, शामगढ़, विक्रमगढ़ आलोट, बयाना, हिण्डौनसिटी, श्रीमहावीर जी, बारां, छबड़ा गुगोर, बूँदी, माण्डलगढ़, झालावाडसिटी, गरोठ एवं चौमहला रेलवे स्टेशन है।

इस योजना के अंतर्गत स्टेशनों में स्टेशन भवन का सुधार और स्थानीय कला तथा संस्कृति के तत्व का समावेश करते हुए सौंदर्यीकरण के साथ ही स्टेशन के अग्र भाग का सौन्दर्यीकरण, सर्कुलेटिंग एरिया, द्वितीय प्रवेश द्वार और आगमन/प्रस्थान बिल्डिंग का भी पुनर्विकास किया जा रहा है। जिनमें स्टेशन पहुंच मार्ग के लिए नई सड़कें, पैदल पथ, पार्किंग तथा सुगम यातायात की सुविधा भी शामिल है। स्टेशनों को दिव्यांग फ्रेंडली बनाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत हर स्टेशन पर दिव्यांग शौचालय एवं रैंप इत्यादि की सुविधा सुनिश्चित की जा रही है। फुट ओवर ब्रिज के प्रावधान के साथ-साथ हाई लेवल प्लेटफॉर्म, बेहतर सतह, कवर शेड, उन्नत प्रतीक्षालय एवं शौचालय इत्यादि का भी समुचित प्रावधान है। यात्रियों की सुविधा हेतु उन्नत फर्नीचर, स्टैंडर्ड साइन बोर्ड, पर्यटक सुविधा काउंटर, चिकित्सकीय सुविधाएं, पेयजल व्यवस्था, टिकटिंग व्यवस्था, फ़ूड स्टॉल, सार्वजनिक घोषणा प्रणाली, चार्जिंग प्वाइंट एवं सहायता बूथ की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।

स्टेशनों के पुनर्विकास योजना से क्षेत्र की आर्थिक तथा सामाजिक उन्नति भी होगी। रेलवे स्टेशन की उन्नति के साथ क्षेत्र में पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं पैदा होंगी और साथ ही रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा और व्यापार के क्षेत्रों में नए अवसर उपलब्ध होंगे ।

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

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