
धमतरी, 15 मई (Udaipur Kiran) । धमतरी को नगरी से जोड़ने वाली सड़क पर महानदी पर अछोटा गांव के पास बने पुल की जांच कर उसकी आवश्यकतानुसार मरम्मत की जाएगी। बकायदा इसके लिए राज्य शासन को लगभग 58 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। इस राशि के मंजूर हो जाने से महानदी पर 900 मीटर लंबा और 13 मीटर चौड़ा तीन लेन सड़क वाला नया पुल बन सकेगा। भविष्य की योजना को देखते हुए नया पुल बनाने की भी योजना है। इससे यहां के रहवासियों को काफी राहत मिलेगी।
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने इसके निर्देश लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग के अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने गुरुवार को निर्माण एजेंसियों की बैठक में जिले में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों, सड़क-पुल निर्माण, भवन निर्माण से लेकर सिंचाई परियोजनाओं के कामों की विस्तृत समीक्ष की। उन्होंने महानदी पर बने वर्तमान अछोटा पुल के खराब होने की आशंका के चलते उसकी जांच करने और जरूरत के हिसाब से सुधार काम कराने का प्रस्ताव बनाने को कहा। बैठक में उपस्थित सेतु संभाग के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि उक्त पुल 1978 में बना है। पुल की रेलिंग और स्पासन ज्वाईंट पुराने हो गए हैं, जिन्हें बदलने की आवश्यकता है। कलेक्टर ने इसके लिए तत्काल प्रस्ताव तैयार करने और पुल पर सुधार कार्य के बाद डामरीकरण करने के लिए भी योजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
बैठक में कलेक्टर ने जिले में तेजी से बढ़ रहे राष्ट्रीय राजमार्गों और भारतमाला सड़कों पर भविष्य में यातायात दबाव को देखते हुए महानदी पर नया पुल की योजना बनाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। उन्होंने भविष्य के हिसाब से नये पुल की चौड़ाई और गुणवत्ता आदि का भी निर्धारण करने को कहा। सेतु संभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए राज्य शासन को लगभग 58 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। इस राशि के मंजूर हो जाने से महानदी पर 900 मीटर लंबा और 13 मीटर चौड़ा तीन लेन सड़क वाला नया पुल बन सकेगा। अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस पुल के बन जाने के बाद धमतरीवासियों को पुराने पुल को मिलाकर पांच लेन की सड़क वाले पुल मिल जाएंगे, जिससे आवागमन में सुविधा होगी।
नगरी-सांकरा-सिहावा को जोड़ने की भी योजना
बैठक में कलेक्टर ने नगरी-सांकरा-सिहावा होकर सुगम यातायात के लिए सड़कों को जोड़ने की भी योजना पर काम करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग और सेतु संभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने वर्तमान में स्थित सड़कों को लेकर उन्हें छोटी-छोटी नई सड़कों से जोड़कर नगरी से सिहावा तक आवागमन का वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराने की योजना पर काम करने को कहा। कलेक्टर ने यह भी कहा कि इन क्षेत्रों तक आने-जाने की सुविधा पहुंचाने 10 मीटर चौड़ी सड़क बनाने के हिसाब से सर्वे कार्य कराया जाए और इसका प्राक्कलन तैयार किया जाए। कलेक्टर ने कहा कि सिहावा क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की योजना पर काम शुरू हो गया है।
निर्माण सामग्री लाने-ले-जाने से खराब हुई ग्रामीण सड़क, जल्द मरम्मत कराए एनएचएआई
बैठक में कलेक्टर ने जिले में भारतमाला प्रोजेक्ट और अन्य राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण कार्यों के लिए रेत, सिमेंट, गिट्टी, मुरूम आदि निर्माण सामग्रियों के परिवहन से गांव की सड़कों के खराब होने पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने गट्टासिल्ली सड़क जैसे अन्य सड़कों के खराब होने से लोगों को होने वाली असुविधा के बारे में एनएचएआई के उपस्थित अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया। कलेक्टर ने यह भी निर्देशित किया कि भारतमाला प्रोजेक्ट या अन्य राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कों को बनाने के लिए निर्माण सामग्री लाने-ले-जाने में जो ग्रामीण सड़कें खराब हो गई हैं, उन सभी की तत्काल मरम्मत एनएचएआई द्वारा कराई जाए। कलेक्टर ने जिले में इस तरह से खराब हुई सभी ग्रामीण सड़कों की सूची एनएचएआई के अधिकारियों को उपलब्ध कराने के निर्देश प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारियों को दिए।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
