काठमांडू, 18 जनवरी (Udaipur Kiran) । नेपाल में करीब एक दशक से बंद रहे लालचंदन (रक्तचंदन) की तस्करी एक बार फिर से शुरू होती दिख रही है। दक्षिण भारत से तस्करी कर लाया गया करीब 462 किलो का रक्तचंदन सहित काठमांडू में दो तस्करों की गिरफ्तारी हुई है।
तीन दिन पहले यानि 15 जनवरी को काठमांडू के पेप्सीकोला क्षेत्र में रहे एक व्यक्ति के घर से नेपाल पुलिस की अपराध अनुसंधान विभाग ने छापामारी कर बड़े पैमाने पर रक्तचंदन बरामद किया है। बरामद किए गए रक्तचंदन और गिरफ्तार किए गए आरोपियों को शनिवार को सार्वजनिक किया गया है।
काठमांडू के क्राइम ब्रांच के एसपी काजी कुमार आचार्य ने बताया कि उनकी टीम को किसी बड़ी तस्करी की सूचना मिली थी। आचार्य के मुताबिक उनके पास तस्करी का बड़ा सामान होने की सूचना थी। उन्हें बिल्कुल भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि तस्करी का यह सामान रक्तचंदन हो सकता है।
एसपी आचार्य ने बताया कि इस रक्तचंदन को अपने घर में छिपा कर रखने वाले ज्ञानचंद तिमिल्सिना और रक्तचंदन को भारत के बैंगलौर से काठमांडू तक लाने वाले रमेश थापा को गिरफ्तार किया है। थापा माओवादी के स्थानीय नेता हैं और पहले माओवादी के जनमुक्ति सेना का हिस्सा रहचुके हैं।
क्राइम ब्रांच के एसपी ने इन दोनों आरोपियों के बयान के आधार पर बताया कि रमेश थापा पिछले कई महीनों से बंगलौर में था जहां उसकी मुलाकात रक्तचंदन के कारोबारियों से हुई। पहले भी रक्तचंदन की तस्करी में हाथ आजमा चुका रमेश थापा ने चीनी व्यापारी से मोटे पैसे वसूलकर उसे रक्तचंदन की यह लकड़ियां सप्लाई करने वाला था।
एसपी आचार्य ने बताया कि आरोपी थापा ने इसके लिए चीनी व्यापारी से पैसे भी ले चुका था और जल्द ही उसे सप्लाई करने वाला था। पूछताछ में यह भी पता लगा है कि रक्तचंदन का यह खेप बैंगलौर से बिहार के रक्सौल तक ट्रेन से लाया गया और बाद में नेपाल के बीरगंज होते हुए तीन हफ्ते पहले ही काठमांडू लाया गया था।
नेपाल में एक दशक पहले एक दौर था जब आए दिन सैकड़ों क्विंटल रक्तचंदन की खेप पकड़ी जाती थी जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने बड़े पैमाने पर इसकी तस्करी की जाती थी। इसमें सबसे अधिक माओवादी के नेता शामिल थे जो भारत से रक्तचंदन की खेप ट्रक में भरकर लाते और चीन की सीमा तक पहुंचा देते थे।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास