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अहमदाबाद में एनआईडी का 44वां दीक्षांत समारोह, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विद्यार्थियों को प्रदान की डिग्री

अहमदाबाद में एनआईडी के 44वां दीक्षांत समारोह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की
अहमदाबाद में एनआईडी के 44वां दीक्षांत समारोह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की
अहमदाबाद में एनआईडी के 44वां दीक्षांत समारोह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की
अहमदाबाद में एनआईडी के 44वां दीक्षांत समारोह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की
अहमदाबाद में एनआईडी के 44वां दीक्षांत समारोह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की

अहमदाबाद, 27 फरवरी (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान अहमदाबाद का 44वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल उपस्थित रहे।

इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि प्राध्यापक गण और छात्रों के साथ राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) के 44वें दीक्षांत समारोह में सहभागी होने का अवसर प्राप्त होना, सुखद अनुभव है। उन्होंने कहा कि वो डिजाइन की विविध शाखाओं में डिग्री प्राप्त करने वाले सभी छात्रों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देती हूं।

एनआईडी के पूर्व छात्र और प्रसिद्ध डिजाइनर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा संयुक्त रूप से एनआईडी प्राइड अवार्ड से सम्मानित किया गया। जिसमें डॉ लक्ष्मी मूर्ति और महिंद्रा एंड महिंद्रा के मुख्य डिजाइन और क्रिएटिव अधिकारी प्रताप बोस को संयुक्त रूप से इस सम्मान से नवाजा गया।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि भारत के पास कला-स्थापत्य में डिजाइन की एक समृद्ध विरासत है। गुजरात की धरती से एनआईडी ने इस विरासत को सुरक्षित रखते हुए कई प्रतिभाशाली डिजाइनर्स की भेंट देश को दी है। इस तरह राष्ट्र निर्माण में यह संस्थान ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

आज डिजाइन क्षेत्र में बदलते प्रवाहों को पहचान कर, समय के साथ सुसंगत रहकर एनआईडी के डिजाइनर्स स्कीलिंग, अपस्कीलिंग और रिस्कीलिंग के द्वारा नए भारत को डिजाइन के विश्वपटल पर अग्रिम स्थान पर पहुंचाएंगे, ऐसा मेरा विश्वास है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत के निर्माण के लिए युवाशक्ति को महत्वपूर्ण आधारस्तंभ बताया है। एनआईडी के युवा इस विजन को साकार करने में श्रेष्ठ योगदान दें, ऐसा आह्वान इस अवसर पर किया।

इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि दुनिया आपका इंतजार कर रही है। डिजाइन हमारे डीएनए में अंतर्निहित है। डिजाइन एक प्रकार का नवाचार है। डिजाइन एक विरासत है और इसी से विकास होगा। आप सभी इन दोनों के बीच सेतु बनेंगे। मैं सभी विद्यार्थियों को आने वाले दिनों के लिए शुभकामनाएं देता हूं। आप सभी अपने काम से देश को गौरवान्वित करेंगे। दुनिया आपका इंतज़ार कर रही है। एनआईडी जैसे संस्थानों में अंग्रेजी विचारधारा से हटकर भारतीय विचारधारा को स्थापित किया गया है। वास्तव में भारत में विश्व से प्रतिस्पर्धा करने की ताकत है। मुझे लगता है कि हमारा दृढ़ संकल्प और ताकत इस बात में निहित है कि हम 140 करोड़ तक पहुंचने के लिए नए विचारों और सोच के साथ डिजाइन की क्षमता का कैसे उपयोग कर सकते हैं। कुछ प्रौद्योगिकियों में, आपकी क्षमता AI से 100% अधिक है। अगर आप दुनिया में जाकर कुछ नया करेंगे तो आप दुनिया को एक नए आयाम पर ले जाएंगे। आपकी योग्यताओं और संभावनाओं की कोई सीमा नहीं है।

इस वर्ष के दीक्षांत समारोह में कुल 430 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई, जिनमें स्नातक डिग्री कार्यक्रम के 102 विद्यार्थी, स्नातकोत्तर डिग्री कार्यक्रम के 323 विद्यार्थी तथा 5 पीएचडी विद्वान शामिल हैं। स्नातक करने वाले 430 छात्रों में से 57 प्रतिशत महिला डिजाइनर हैं, जबकि 43 प्रतिशत पुरुष डिजाइनर थे।

डॉ अशोक मंडल ने कहा कि यह दीक्षांत समारोह प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त को लाल किले से दिए गए संबोधन में दिए गए डिजाइन इन इंडिया, डिजाइन फॉर द वर्ल्ड की थीम पर आयोजित किया गया है। इसके साथ ही इस बार डिस्प्ले को भी इसी थीम पर डिजाइन किया गया है। आपको भारत के संदर्भ में डिजाइन की भूमिका का अवलोकन मिलेगा, चाहे वह सामाजिक हो, औद्योगिक हो या शिल्प हो, उन लोगों से जिन्होंने पिछले 64 वर्षों से इस क्षेत्र में काम किया है। इस वर्ष का दीक्षांत समारोह पिछले दीक्षांत समारोहों से बहुत अलग तरीके से आयोजित किया जाएगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस समारोह के दौरान शांतकेशवन पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। जब पहली बार प्राइड एनआईडी पुरस्कार दिया गया। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाएगा, जिन्होंने संस्थान के मूल्यों और शिक्षा को वैश्विक मंच पर पहुंचाया है। हालांकि, पिछले साल एनआईडी में सिर्फ एक छात्र को पीएचडी की डिग्री मिली थी, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 5 हो गई है।

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(Udaipur Kiran) / हर्ष शाह

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