Uttrakhand

नैनीताल में प्लास्टिक प्रदूषण के 41 हॉट स्पॉट, निकलता है प्रतिदिन 25-30 टन कचरा : मनुजा

प्लास्टिक प्रदूषण के विशेषज्ञ सौरभ मनुजा।

नैनीताल, 22 दिसंबर (Udaipur Kiran) । कुमाऊं विश्वविद्यालय के इनोवेशन एवं इनक्यूबेशन सेल और विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में ‘प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन और उसकी चुनौतियां’ विषय पर एक ऑनलाइन व्याख्यान आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में आईपीई ग्लोबल लिमिटेड के विशेषज्ञ सौरभ मनुजा ने प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीरता और उसके समाधान पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि विश्व में प्रतिवर्ष 414 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन हो रहा है, और हर वर्ष 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, और इसका अधिकांश हिस्सा पुनः प्रयोग में नहीं लाया जा सकता। उन्होंने बताया कि दुनिया भर में 1.3 मिलियन टन माइक्रोप्लास्टिक समुद्रों में पहुंच रहा है, जिससे प्रतिवर्ष लाखों समुद्री जीव और पक्षी मौत का शिकार हो रहे हैं। मनुजा ने नैनीताल में प्लास्टिक प्रदूषण के 41 ‘हॉट स्पॉटों’ की जानकारी भी दी। बताया कि शहर में 25-30 टन कचरा प्रतिदिन उत्पन्न होता है। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण प्रणाली के तहत 14 वाहन और 80 फीसद संतुष्ट स्थानीय निवासी इस प्रयास में सहयोग कर रहे हैं। सौरभ ने प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान के लिये ‘रिड्यूस, रीयूज, रीसायकल, रिकवरी और लैंडफिल’ के सिद्धांतों पर काम करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने प्लास्टिक बैग्स पर सख्त प्रतिबंध लागू करने और जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने नैनीताल में चलाए जा रहे ‘जीरो वेस्ट’ अभियान और इंटर्नशिप कार्यक्रमों की भी जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन करते हुए अतिथि व्याख्याता निदेशालय के निदेशक प्रो. ललित तिवारी ओर इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेल के निदेशक प्रो. आशीष तिवारी के साथ ही पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. सीडी सूता, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. पीएल उनियाल, जीएलए यूनिवर्सिटी मथुरा की डॉ. रूबी सिंह और यूओयू के डॉ. कृष्ण टम्टा ने भी विचार साझा किए। कार्यक्रम में डॉ. श्रुति साह, प्रो. वीना पांडे, डॉ. हरि प्रिया पाठक, डॉ. नीता आर्य, डॉ. पूजा जुयाल सहित कई विद्वान उपस्थित रहे। डॉ. नंदन मेहरा और पंकज पाठक ने तकनीकी सहयोग दिया।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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