ढाका, 19 फरवरी (Udaipur Kiran) । बांग्लादेश में 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान कथित दमनकारी कार्रवाइयों में शामिल 41 पूर्व पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। ये अधिकारी उन 1,059 पूर्व पुलिसकर्मियों में शामिल हैं, जिन पर अत्याचारों के आरोप लगे हैं।
आरक्षण नीति के खिलाफ शुरू हुए छात्र आंदोलन ने व्यापक जनआक्रोश का रूप लिया था, जिसके परिणामस्वरूप पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की 16 वर्षीय सरकार सत्ता से बाहर हो गई। इस विरोध के चलते शेख हसीना ने 05 अगस्त 2024 को इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर भारत चली गईं।
विरोध प्रदर्शनों के दौरान लगभग 1,400 लोगों की जान गई, जिसके बाद पीड़ितों और उनके परिवारों ने 1,059 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराईं। इनमें से 41 को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि कई वरिष्ठ अधिकारी अब भी फरार हैं या देश छोड़कर भाग गए हैं।
गिरफ्तार किए गए अधिकारियों में पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) चौधरी अब्दुल्ला अल मामून, एकेएम शाहिद-उल-हक और ढाका व चट्टोग्राम के पूर्व पुलिस आयुक्त शामिल हैं। पूर्व अतिरिक्त पुलिस आयुक्त हारुन-उर-रशीद के खिलाफ सबसे अधिक 174 मामले दर्ज हैं, जबकि अल मामून पर 159 मामले चल रहे हैं।
बांग्लादेश पुलिस मुख्यालय के अनुसार, इस मामले में विस्तृत जांच की जा रही है और फरार अधिकारियों की तलाश जारी है।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
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