Uttrakhand

आरएसएस के प्रथम वर्ष शिविर का शुभारंभ, 350 स्वयंसेवक सीखेंगे सामाजिक समरसता का पाठ

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हल्द्वानी, 25 मई (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरआरएस) प्रथम वर्ष शिविर का रविवार को हल्द्वानी स्थित लामाचौर के एपीएस स्कूल में शुभारंभ हो गया। शिविर में लगभग 350 शिक्षार्थी सामाजिक समरसता का पाठ सीखेंगे।

रविवार शाम प्रांत कार्यवाह दिनेश सेमवाल ने शिविर का शुभारंभ भारत माता के चित्र पूजन के साथ किया। पंद्रह दिवसीय इस शिविर में करीब 350 शिक्षार्थी भाग शामिल हो रहे हैं। वहीं यहां 30 शिक्षक प्रशिक्षण देंगे। शिविर में कक्षा 10 से 12 तक के शिक्षार्थी हिस्सा ले रहे हैं। ओटीसी में करीब 425 स्वयंसेवक शामिल रहेंगे।

शिविर की दिनचर्या सुबह 4 बजे से शुरु होकर रात 10 बजे तक जारी रहेगी। जिसमें पाठ्यक्रम से लेकर समस्त दिनचर्या के कार्य शामिल हैं। विभिन्न सत्रों में

बौद्धिक चर्चा, प्रार्थना आदि शामिल रहेंगे। इस शिविर में मुख्य रूप से शाखा लगाने के साथ ही स्वयंसेवक योग, आसन, कदमताल, दंड संचालन, शाखा निर्माण कार्य का प्रशिक्षण लेंगे। बौद्धिक सत्र में देश, समाज, धार्मिक, संस्कृति, पर्यावरण, जल संरक्षण और सामाजिक समरसता से जुड़े विषय मुख्य रूप से रहेंगे।

इस संबंध में जानकारी देते हुए आरआरएस के प्रचार प्रांत प्रचार प्रमुख संजय ने बताया कि, इस​ शिविर में पर्यावरण को लेकर भी खास काम किया जाएगा, जो 2 वर्ष पूर्व ही शुरु किया गया है। इसके अलावा यहां सामाजिक समरसता, धर्म जागरण, सामाजिक भेदभाव हटाने व धार्मिक भावना को बढ़ाने का भी कार्य किया जाएगा।

शिविर में कुछ विशेष या कुछ अलग से करने के विषय पर प्रांत प्रचार प्रमुख ने बताया कि पूरे देश में जहां भी यह शिविर लगता है वह एक ही पेटर्न पर होता है। जहां तक कुछ बदलाव की बात है तो हर 25 साल में देशभर में संघ से जुड़े विशेष 60 से 70 लोग बैठते हैं। और शिक्षा कौन सी रखनी है इस पर विचार करते हैं। चर्चा के बाद जो बदलाव किए जाते हैं वो पूरे देश में लागू होता है। उन्होंने ये भी बताया कि 9 जून को शिविर की समापन से ठीक एक दिन पहले होने वाले सांस्कृति कार्यक्रम में यहां केंद्रीय अधिकारी भी आएंगे।

सुबह व शाम लगेगी शाखा, शारीरिक सत्र का समय कुल 4 घंटे

पंद्रह दिन तक 30 शिक्षक 350 शिक्षार्थियों को प्रशिक्षण देंगे। प्रतिदिन सुबह शाम शाखा लगेगी, जिसमें सभी शिक्षार्थियों का एकत्रीकरण होगा और शाखा के दौरान ही उन्हें शाखा लगाना, शरीर को स्वस्थ्य करने वाले कार्यक्रमों व अन्य तरह के प्रशिक्षण दिए जाएंगे। स्वयंसेवकों की दिनचर्या तय कर दी गई है। प्रतिदिन दोपहर के बाद स्वयंसेवकों को बौद्धिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस दौरान प्रांतीय के अलावा क्षेत्रीय और केंद्रीय अधिकारी का स्वयंसेवकों को मार्गदर्शन मिलेगा।

(Udaipur Kiran) / DEEPESH TIWARI

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