फरीदाबाद, 20 मई (Udaipur Kiran) । एसजीएम नगर में स्थित एक फर्जी विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) ट्रेडिंग और फिल्म प्रोडक्शन कंपनी के नाम पर सैकड़ों लोगों से करीब 31 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। मुख्य आरोपी हिमांशु शर्मा और उसकी पत्नी पूजा सिंह पर आरोप है कि उन्होंने विदेशी मुद्रा में निवेश और फिल्म प्रोडक्शन में भागीदारी के नाम पर कई लोगों को तीन प्रतिशत मासिक मुनाफे का लालच देकर भारी निवेश कराया और फिर पैसा हड़पकर फरार हो गए। फरीदाबाद के रहने वाले शिकायतकर्ता अमित खत्री, सुनिल लखानी, पंकज बहल, सागर खत्री, जीवन रावत सहित दर्जनों लोगों ने पुलिस कमिश्नर को इसको लेकर शिकायत दी है। मुख्य शिकायतकर्ता अमित खत्री ने बताया है कि आरोपियों ने पहले ‘डीटी ग्लोबल’ नामक आयुर्वेदिक दवा कंपनी की फ्रेंचाइजी ली हुई थी। साल 2019 में अमित खत्री और जीवन रावत डीटी ग्लोबल नामक आयुर्वेदिक दवा कंपनी में दवाई बेचने का काम करते थे। यहीं से वो हिमांशु शर्मा के साथ संपर्क में आए थे। हिमांशु शर्मा ने अमित खत्री और जीवन रावत को फॉरेन एक्सचेंज और फिल्म के बिजनेस में पैसा लगाकर मोटा मुनाफा कमाने का लालच दिया। अमित खत्री और जीवन रावत ने पहले दो-दो लाख रूपए हिमांशु शर्मा के कहने पर उसकी कंपनी में इन्वेस्ट कर दिए। जिसके बाद शुरूवात में भरोसा जमाने के लिए आरोपी ने उसको तीन प्रतिशत का मुनाफ दिया और लगाई रकम भी दी। जिसके कुछ समय बाद अमित खत्री और जीवन रावत के साथ उनके रिश्तेदारों ने भी अलग अलग समय पर करोड़ो रूपए लगा दिए। कुछ समय तक आरोपी सभी को मुनाफे का तीन प्रतिशत समय पर देते रहे। आरोपियों ने पहले डीटी ग्लोबल नामक आयुर्वेदिक दवा कंपनी की फ्रेंचाइजी और बाद में फॉरेक्स एजुकेशन इंस्टीट्यूट और करेंसी कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर निवेश जुटाया। निवेशकों को सुरक्षा के नाम पर फर्जी एमओयू और रसीदें दी गईं। आरोप है कि दिवांशु शर्मा, जो हिमांशु शर्मा का भाई है और खुद को फिल्म एक्टर बताता है, ने भी सेमिनारों में भाग लेकर लोगों को भरोसे में लेने में भूमिका निभाई। शिकायतकर्ता ने कहा कि मई 2023 में आरोपी फरीदाबाद और दिल्ली के अपने ऑफिस बंद करके फरार हो गया। जिसके बाद उन्होंने उसको बहुत तलाश किया लेकिन कोई पता नहीं चला। जिसके बाद वह मुंबई में दिवांशु शर्मा से मुलाकात की। दिवांशु शर्मा ने कुछ महीने का समय मांगा और सब कुछ ठीक करने की बात कही। लेकिन उनको कोई पैसा वापस नहीं दिया गया। सिंतबर 2024 में दिवांशु शर्मा के पिता की मुंबई में मौत हो जाने के बाद उन्होंने हमको आश्वासन दिया कि वो दिल्ली आ रहे और वहीं आकर सब कुछ ठीक कर देंगे। लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी उनको उनका पैसा वापस नहीं मिला और ना ही दिवांशु शर्मा का कोई पता चल पाया। शिकायतकर्ता ने बताया कि इस दौरान उनको पता चला कि आरोपियों ने करीब 400 लोगों से पैसा इन्वेस्ट कराया हुआ है। आरोपियों ने लोगों से करीब 31 करोड़ रूपए की ठगी की हुई है। सभी लोगों ने अपने मेहनत की कमाई को आरोपियों के कहने पर उनकी कपंनी में लगाया था। एसजीएम नगर थाने में पीडि़तों की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की जांच के लिए इसे आर्थिक अपराध शाखा एनआईटी को सौंपा गई है।
(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर
