जम्मू, 10 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जम्मू और कश्मीर में कॉलेज संविदा व्याख्याताओं द्वारा की गई 3 दिवसीय पेन-डाउन हड़ताल का पहला चरण जो 07 अप्रैल, 2025 से शुरू हुआ था आज समाप्त हो गया जो उनकी वास्तविक मांगों के प्रति लंबे समय से चली आ रही सरकारी उदासीनता के खिलाफ एक मजबूत और एकजुट रुख को दर्शाता है।
उच्च शिक्षा प्रणाली में उनकी आवश्यक भूमिका के बावजूद व्याख्याताओं को अनिश्चितता शोषण अनियमित वेतन और नौकरी की सुरक्षा की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
यह उल्लेख करना उचित है कि जम्मू और कश्मीर उच्च शिक्षा संविदा शिक्षक संघ जेएंडके एचईसीटीए ने कॉलेज संविदा शिक्षकों की वैध चिंताओं के निवारण के लिए कई बार सरकार से संपर्क किया और 03-2025 को एक दिवसीय कलम बंद हड़ताल भी की।
कई बार प्रतिनिधित्व और चर्चाओं के बावजूद कॉलेज संविदा व्याख्याताओं की वास्तविक मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया जिससे संविदा व्याख्याताओं में भारी मनोवैज्ञानिक आघात हुआ।
यह हड़ताल जिसमें जम्मू और कश्मीर के सभी सरकारी डिग्री कॉलेजों में पूर्ण शैक्षणिक असहयोग देखा गया अधिकारियों के लिए एक प्रतीकात्मक लेकिन गंभीर चेतावनी थी। हमने अपनी चिंताओं और अपेक्षाओं को शांतिपूर्वक प्रदर्शित किया है। यह हड़ताल छात्रों या शिक्षा के खिलाफ नहीं थी यह एक ऐसी प्रणाली के खिलाफ थी जो हमारे योगदान को अनदेखा करती रहती है।
(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता
