शिमला, 27 मार्च (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में 267 गौशालाएं संचालित हैं, जिनमें 22,119 बेसहारा गौवंश को आश्रय दिया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा गोपाल योजना के तहत इन गौवंशों को 700 रुपये प्रति माह की मदद दी जा रही है। पिछले एक साल में राज्य में गौ तस्करी के 10 मामले दर्ज हुए हैं। कृषि व पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने विधायक दलीप ठाकुर और भुवनेश्वर गौड़ द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में गुरूवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी दी।
मंत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में हिमाचल प्रदेश गौ सेवा आयोग ने 24 नए गौसदन स्थापित किए हैं और इसके लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है। आयोग गौसदनों को सुदृढ़ करने के लिए प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 5 लाख रुपये तक की पूंजीगत मदद उपलब्ध करवाता है। नए गौसदन निर्माण के लिए 10 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है। इसके अलावा गौसेवा आयोग के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए राज्य सरकार ने मंदिर न्यासों की कुल आय का 15 प्रतिशत और शराब पर प्रति बोतल 1 रुपये 50 पैसे गौवंश सेस के रूप में लगाया है।
मंत्री ने बताया कि गौसदनों के संचालन और रख-रखाव के लिए आयोग ने 40 करोड़ 4 लाख 65 हजार 523 रुपये वितरित किए हैं। वहीं गोपाल योजना के तहत शराब सेस से अगस्त 2020 से जनवरी 2025 तक 58 करोड़ 23 लाख 42 हजार 84 रुपये खर्च किए गए हैं।
मंत्री ने यह भी बताया कि मनाली विधानसभा क्षेत्र में छह गौसदन कार्यरत हैं, जिनमें 1082 बेसहारा गौवंश को आश्रय मिल रहा है। हालांकि बेसहारा गौवंश से होने वाले नुक्सान की भरपाई के लिए वर्तमान में सरकार की कोई विशेष योजना नहीं है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
