
नई दिल्ली, 26 मई (Udaipur Kiran) । साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। दक्षिण-पश्चिम जिले की साइबर थाना पुलिस ने तीन ठगों को गिरफ्तार किया है। आरोपित “डिजिटल गिरफ्तारी” का झांसा देकर वरिष्ठ नागरिकों से लाखों रुपये की ठगी कर रहे थे। पकड़े गए आरोपितों की पहचान राहुल वर्मा (रायपुर, छत्तीसगढ़), शांतनु ऋचोरिया (झांसी, उत्तर प्रदेश) और अर्जुन सिंह (सहारनपुर, उप्र) के रूप में हुई है।
दक्षिण पश्चिम जिले के डीसीपी सुरेंद्र चौधरी के अनुसार पालम कॉलोनी निवासी महेन्द्र जैन ने साइबर थाना को दी शिकायत दी। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि 21 मार्च 2025 को उन्हें व्हाट्सऐप पर एक वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को नासिक पुलिस का इंस्पेक्टर संजय बताया। उसने बताया कि उनका आधार कार्ड कैनरा बैंक में फर्जी डेबिट/क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए उपयोग हो रहा है और यह एक बड़ी एयरलाइन कंपनी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा है। डर और धमकी के माहौल में शिकायतकर्ता ने अपनी सारी बचत, एफडी तोड़कर, पत्नी के गहने बेचकर आरोपितों के बताए खातों में करीब 25 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। पुलिस ने शिकायतकर्ता के बयान पर मुकदमा दर्ज किया। एसएचओ इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की देखरेख में एक टीम का गठन किया गया। पुलिस ने तकनीकी सर्विलांस, मनी ट्रेल और डिजिटल फुटप्रिंट्स के जरिए आरोपिताें का पता लगाया। जांच में पता चला कि आरोपिताें ने दिल्ली के होटल में रहकर व्हाट्सऐप से फर्जी पहचान बनाकर लोगों को ठगा। जांच में सामने आया कि आरोपिताें ने ठगी के लिए फर्जी कम्पनियों के करंट अकाउंट किराए पर लिए थे और अकाउंट किराए पर देने वालों से पहाड़गंज के होटलों में मीटिंग हुई थी। पुलिस ने होेटलों को चिन्हित कर वहां छापेमारी की और तीनोें आरोपिताें को गिरफ्तार किया।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी
