
नैनीताल, 11 मार्च (Udaipur Kiran) । हाई कोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा दंगे में शामिल 22 अभियुक्तों की डिफॉल्ट अपील में दायर जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने भोला उर्फ शुहैल, जावेद सिद्दकी, जावेद कुरेशी, शाहनवाज, रईश अहमद अंसारी, अब्दुल माजीद सहित 22 अभियुक्तों को पुलिस द्वारा समय पर चार्जशीट पेश नहीं करने के आधार पर उन्हें डिफॉल्ट का लाभ देते हुए जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के उस आदेश को नियम विरुद्ध माना जिसमें पुलिस को चार्जशीट पेश करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है जबकि देंगे के मुख्य आरोपितों की जमानत अभी नहीं हुई है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि कोर्ट ने पहले साफिया मलिक को जमानत दी। उसके बाद इसमें शामिल 50 अन्य लोगों को जमानत दी गई है। उसी को आधार मानते हुए उन्हें भी जमानत पर रिहा किया जाए। प्रार्थना पत्र में कहा गया कि पुलिस ने बिना मामले की जांच किए उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 417, 420, 467, 468, 471 के तहत अभियोग पंजीकृत कर दिया। महीनों बीत गए लेकिन पुलिस अभी तक उनका जुर्म साबित करने में नाकाम रही है जबकि जुर्म होने के 90 दिन के भीतर पुलिस को जुर्म की जांच रिपोर्ट न्यायालय में पेश करना जरूरी है। इस मामले में पुलिस ने अभी तक जांच रिपोर्ट पेश नहीं की। ऊपर से मजिस्ट्रेट द्वारा पुलिस को चार्जशीट पेश करने का और अतरिक्त समय दिया गया। इसी का लाभ देते हुए उन्हें जमानत दी जाए। पूरे मामले को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने 22 अभियुक्तों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दे दिए।
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(Udaipur Kiran) / लता
