Uttrakhand

दुष्कर्म के आरोपित को 20 वर्ष की कठोर कैद

कोर्ट का निर्णय

हरिद्वार, 28 जनवरी (Udaipur Kiran) । नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के एक मामले में विशेष पोक्सो जज एफटीएससी चंद्रमणि राय ने आरोपित को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने आरोपित को 20 वर्ष के कठोर कारावास व 10 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।

शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र चौहान ने बताया कि 3 मार्च 2021 को कनखल क्षेत्र में 13 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने का आरोप लगाया गया था। घटना के तीन दिन बाद पीड़िता की मां ने पुलिस को बताया कि चार वर्ष पहले पति की मृत्यु होने पर वह अपने तीन बच्चों के साथ हरिद्वार में आरोपित के घर रहने लगी थी। दोनों पति-पत्नी की तरह रहते थे। बच्चे भी उसे पिता की तरह मानते थे। एक बार वह बच्चों को लेकर आरोपित के साथ पंजाब गई थी। इसी दौरान उसकी 13 वर्षीय पुत्री के साथ जबरदस्ती दुष्कर्म का घटना को अंजाम दिया। थोड़े दिन बाद सभी हरिद्वार वापिस लौट आए थे। इसी बीच आरोपित ने एक बार फिर दुष्कर्म करने का प्रयास किया। पीड़िता की मां की तहरीर पर पुलिस ने आरोपित बबलू पुत्र नत्थू लाल निवासी बिसौली जिला बदायूं, उत्तर प्रदेश के खिलाफ संबधित धाराओं में केस दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सरकारी पक्ष ने साक्ष्य में 11 गवाह पेश किए। कोर्ट ने पीड़ित बच्ची की सामाजिक, आर्थिक व मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए निर्भया प्रकोष्ठ से पांच लाख रुपये प्रतिकर राशि के रूप में देने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने आरोपित को 20 वर्ष कठोर कैद व 10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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