Bihar

बाल ह्रदय योजना से 20 बच्चों को मिला अभयदान

बाल ह्रदय योजना से 20 बच्चों को मिला अभयदान

किशनगंज,02 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिले में राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 से संचालित बाल हृदय योजना जरूरतमंद परिवारों के बच्चे के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है। इसके तहत वैसे बच्चों का मुफ्त में इलाज कराया जा रहा, जिनके दिल में छेद या एक से अधिक विकार हैं। इसी क्रम में जिले में अब तक हुई स्क्रीनिंग में कुल 103 बच्चों में जन्म से ही ह्रदय में एक से अधिक विकार पाए गये हैं। जिनमें 30 बच्चे सर्जरी के लायक पाए गये हैं। बाकी बच्चे का दवा के द्वारा इलाज किया जा रहा है। वहीं 20 बच्चे की सफल सर्जरी से अभयदान मिला है।

जिले के सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने यह जानकारी सदर अस्पताल परिसर में सोमवार को दी। उन्होंने बताया कि बच्चे के लगातार बुखार और वृद्धि बाधित होने की जानकारी स्थानीय स्तर पर चिकित्सकों से अभिभावकों को मिली थी। जिला और पटना तक के चिकित्सकों से आवश्यक जांच से पता चला है कि बच्चे के ह्रदय में एक से अधिक विकार हैं। जिसके इलाज में एक मुश्त में लाखों रुपये की जरूरत थी। जो एक दैनिक मजदूरी कर किसी तरह से जीविकोपार्जन करने वाले अभिभावक के लिए मुश्किल था। समीप के ही आंगनवाड़ी केंद्र में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्क्रीनिंग शिविर के आयोजन के क्रम राष्ट्रीय बाल स्वस्थ्य कार्यक्रम के डाक्टरों को अभिभावकों ने जांच के दस्तावेज दिखाये।

उक्त शिविर में जांच करने के उपरांत डाक्टर ने बाल ह्रदय योजना की जानकारी देते हुए बच्चों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक को संदर्भित कर दिया। तत्पश्चात पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के माध्यम से गुजरात राज्य के अहमदाबाद स्थित सत्य साई अस्पताल में इलाज किया गया और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। आरबीएसके डीआईसी प्रबंधक सह जिला समन्वयक पंकज कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा अब तक 25 बच्चों के मामले में (0 से 18 वर्ष तक) में विशिष्ट रोग सहित 4डी अर्थात चार प्रकार की परेशानियों के लिए शीघ्र पहचान और प्रारंभिक हस्तक्षेप किया गया। इन चार परेशानियों में जन्म के समय जन्म दोष, बीमारी, कमी और विकलांगता सहित विकास में रूकावट की जांच शामिल हैं।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक डा. मुनाजिम ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वस्थ्य कार्यक्रम की हमारी टीम लगातार ऐसे बच्चों की पहचान में जुटी हुई है। इस बाबत जिले के सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने राष्ट्रीय बाल स्वस्थ्य कार्यक्रम की टीम के कार्यों की सराहना करते हुए कहा सरकार की बाल ह्रदय योजना एक विशेष पहल है।जन्म से ह्रदय में छेद या अन्य विकारों वाले बच्चों के मुफ्त इलाज में वरदान से कम नहीं है। मेरी अपील जिलेवासियों से है जो भी इस तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं उन्हें सीधे इस कार्यक्रम से जोड़ने में सहयोग करें।

सभी 10 बच्चे के अभिभावक ने बताया कि बाल ह्रदय योजना की शुरुआत होने से ही हमारे बच्चे को नया जीवन मिल पाया। वर्ना हमलोगों के लिए आर्थिक तंगी के कारण उसका इलाज करा पाना असंभव था। सरकार की इस योजना को शुरू करने के लिए दिल से धन्यवाद।

(Udaipur Kiran) / धर्मेन्द्र सिंह

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