कोलकाता, 23 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में पिछले एक साल के दौरान 190 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 52 लोग पिछले 45 दिनों में गिरफ्तार हुए, जब पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक संकट चरम पर था और अल्पसंख्यक हिंदुओं एवं धार्मिक स्थलों पर हमले हो रहे थे। राज्य सीआईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी में सोमवार को यह जानकारी दी है।
राज्य पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, ये सभी अवैध नागरिक भारत-बांग्लादेश सीमा के नदिया जिले में मौजूद असुरक्षित और बिना बाड़ वाले हिस्सों से भारत में प्रवेश किए थे। भारत आने के बाद उन्होंने स्थानीय एजेंटों की मदद से फर्जी भारतीय पहचान पत्र बनवाने की प्रक्रिया शुरू की।
सीमा के पास गांवों में बसा अवैध नेटवर्क
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 190 अवैध नागरिकों में से अधिकांश ने नदिया जिले के सीमा से सटे गांवों में निवास करना शुरू कर दिया था। अधिकारी ने यह भी संभावना जताई कि इनमें से कई लोग नदिया से अन्य जिलों में भी स्थानांतरित हो सकते हैं। इससे यह संख्या और अधिक हो सकती है।
पश्चिम बंगाल पुलिस और कोलकाता पुलिस ने बताया कि राज्य में कई ऐसे गिरोह सक्रिय हैं, जो अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के लिए फर्जी भारतीय पासपोर्ट बनाने का काम करते हैं। इनमें से अधिकांश गिरोह नदिया जिले से ही संचालित होते हैं।
दरअसल हाल ही में, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के पूर्व सहयोगी सलीम मतबार को कोलकाता के पार्क स्ट्रीट इलाके के एक होटल से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से फर्जी भारतीय पासपोर्ट बरामद हुआ। जांच में खुलासा हुआ कि यह पासपोर्ट नदिया जिले के एक गिरोह द्वारा तैयार किया गया था। सलीम ने इसी फर्जी पासपोर्ट के जरिए होटल में नौकरी हासिल की थी।
30 नवंबर को नदिया पुलिस ने कृष्णगंज थाना क्षेत्र के मज़िदिया इलाके से चार अन्य अवैध बांग्लादेशी नागरिकों—सुमी अख्तर, ईमान विश्वास, शंकर विश्वास और रूपकुमार विश्वास—को गिरफ्तार किया। ये घटनाएं राज्य में अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेज बनाने के गिरोहों की बढ़ती चुनौती को दर्शाती हैं। राज्य पुलिस ने इन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सतर्कता बढ़ाने का आश्वासन दिया है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर