ढाका, 05 नवंबर (Udaipur Kiran) । बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना सरकार के पतन के बाद 180 प्रभावशाली व्यक्तियों पर शिकंजा कसा है। भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने पांच अगस्त से 15 अक्टूबर के बीच इनके दस्तावेज खंगाले है। जांच में खुलासा हुआ है कि इन लोगों में से 24 लोग दूसरे देशों की नागरिकता ले चुके हैं। आयोग की इनके खिलाफ अवैध धन अधिग्रहण और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच जारी है।
बांग्लादेश की राजधानी ढाका से छपने वाले बांग्ला अखबार प्रोथोम अलो की खबर के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री हसीना के पूर्व सलाहकार सलमान एफ रहमान गुप्त रूप से साइप्रस की नागरिकता प्राप्त कर चुके हैं। उन्हें छात्र-जन विद्रोह के दौरान अपदस्थ किया जा चुका है।
पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद के पास बेल्जियम का स्थायी निवासी परमिट है।
पूर्व वित्तमंत्री एएचएम मुस्तफा कमाल ब्रिटेन के नागरिक हैं। दो पूर्व मंत्री नसरुल हामिद और ज़ुनैद अहमद पलक के पास संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने के लिए वैध अनुमति (ग्रीन कार्ड) है।
भ्रष्टाचार निरोधक आयोग के हवाले से खबर में कहा गया कि पांच पूर्व मंत्रियों एएचएम मुस्तफा कमाल, मोहम्मद ताजुल इस्लाम, सैफुज्जमान चौधरी, खालिद महमूद चौधरी और मोहम्मद महबूब अली के पास ब्रिटेन की नागरिकता है। इनमें से महबूब अली को 15 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। चार पूर्व मंत्रियों और राज्य मंत्रियों अब्दुस शाहिद, नसरुल हामिद, जुनैद अहमद, मोहम्मद अली अराफात, अब्दुस सोभन मिया उर्फ गोलाप, महफुजुर रहमान और सलाहुद्दीन महमूद जाहिद के पास अमेरिकी नागरिकता या ग्रीन कार्ड हैं। अब्दुस शाहिद, जुनैद अहमद और अब्दुस शोभन मिया वर्तमान में जेल में हैं।
इसके अलावा छह के पास कनाडा की नागरिकता है। इनमें पूर्व मंत्री अब्दुर रहमान, पूर्व सांसद महबूब उल आलम हनीफ, अलाउद्दीन अहमद चौधरी (नसीम), शमीम उस्मान, शफीकुल इस्लाम (शिमुल) और हबीब हसन हैं।
पूर्व मंत्री खांडेकर मुशर्रफ हुसैन के पास स्विस नागरिकता है। पूर्व रेल मंत्री जुलुल हकीम के पास जापान का निवासी कार्ड है। तंगेल-2 निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व सांसद तनवीर हसन उर्फ छोटो मोनिर जर्मनी के नागरिक हैं। मैमनसिंह-11 के पूर्व सांसद एमए वहीद ने पापुआ न्यू गिनी की नागरिकता ली है। आयोग की जांच में नामित 24 व्यक्तियों में से पांच वर्तमान में जेल में हैं। अन्य पांच अगस्त के बाद से भूमिगत हैं। उनके मोबाइल नंबर कथित तौर पर स्विच ऑफ हैं। आशंका कई लोग देश छोड़कर भाग गए हैं।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद