Uttrakhand

शांतिकुंज में 175 लोगों ने किया रक्तदान

शांतिकुंज में रक्तदान करते हुए

-सीमाओं पर तैनात जवानों और जरूरतमंदों के जीवन की रक्षा के लिए होगा प्रयोग

हरिद्वार, 16 मई (Udaipur Kiran) । गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा की जन्मशताब्दी एवं सिद्ध अखण्ड दीपक की शताब्दी वर्ष 2026 के अंतर्गत गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में श्रीराम शर्मा शताब्दी चिकित्सालय में शुक्रवार को स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ। इसमें 175 से अधिक शांतिकुंजवासियों ने रक्तदान किया। यह शिविर शांतिकुंज की अधिष्ठात्री शैलदीदी के मार्गदर्शन में श्रीराम शर्मा आचार्य शताब्दी हॉस्पिटल शांतिकुंज एवं मां गंगे ब्लड सेंटर कनखल के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ। पं श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा के सूक्ष्म संरक्षण में महिला मण्डल की प्रमुख शैफाली पण्ड्या ने दीप प्रज्वलन कर रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर श्रीमती पण्ड्या ने कहा कि गायत्री परिवार का मूल उद्देश्य पीड़ित मानवता की सेवा है और रक्तदान इस सेवा का प्रभावशाली माध्यम है। आज दिया गया रक्त सीमाओं पर तैनात जवानों और जरूरतमंदों के जीवन की रक्षा के लिए प्रयोग किया जायेगा। व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरि ने शिविर की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और भविष्य में भी नियमित रूप से आयोजित करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की। चिकित्सालय प्रभारी डॉ. मंजू चोपदार ने कहा कि शिविर को सफल एवं प्रेरणास्पद बताया।

प्रथम रक्तदाता आहुति पण्ड्या ने रक्तदान कर समाज के लिए प्रेरणा का कार्य किया। पहली बार रक्तदान करने वाली आहुति पण्ड्या ने कहा कि जीवन का पहला रक्तदान करते हुए अत्यंत आत्मिक आनंद की अनुभूति हो रही है। साथ ही 26 अन्य युवाओं ने भी पहली बार रक्तदान कर राष्ट्रहित में योगदान देने पर गर्व जताया। देर सायं तक चले इस स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में 175 से अधिक लोगों ने रक्तदान किया, जिसमें 18 से 55 वर्ष की आयु वाले रहे।

मां गंगे ब्लड सेंटर प्रभारी एनएस नेगी ने बताया कि आचार्य श्रीराम शर्मा शताब्दी हॉस्पिटल एवं देवसंस्कृति विश्वविद्यालय से लगातार सहयोग मिलता रहा है। वर्तमान परिस्थितियों में रक्त की आवश्यकता को देखते हुए यह शिविर समाज के लिए एक प्रेरणा का कार्य करेगा। उन्होंने इस शिविर के सफल आयोजन हेतु देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति चिन्मय पंड्या का आभार व्यक्त किया। इस दौरान अजय त्रिपाठी, मंगल सिंह गढ़वाल, गोपाल रजक, संदीप गोस्वामी, शांतिकुंज सेवा साधना दल के सदस्यों आदि ने विशेष भूमिका निभाई।

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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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