Haryana

राेहतक: पीजीआई में 14 वर्षीय बच्चे को मिला नया जन्म

फोटो कैप्शन 19आरटीके4ः सफल आप्रेशन के बाद बच्चे के साथ डाक्टरों की टीम --------

डाक्टरों ने बच्चे के सिर में घुसे रॉड़ को निकाल कर बचाई जान, परिजनों ने चिकित्सकों का जताया आभार

रोहतक, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । चिकित्सक को यूंही भगवान का दर्जा नहीं दिया जाता। चिकित्सक मरीज की जान बचाने के लिए अपना पूरा दम खम लगा देते हैं। कुछ ऐसा ही कारनामा पीजीआईएमएस के न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सक डॉ. ईश्वर सिंह व डॉ. गोपाल कृष्ण ने कर दिखाया है। उन्होंने मस्तिष्क से रॉड निकालने के लिए सफल न्यूरो सर्जिकल ऑपरेशन किया।

दरअसल मेवात का रहने वाला 14 वर्षीय बच्चे जिसे रॉड से चोट लगने के बाद गंभीर हालत में पीजीआईएमएस में लाया गया था, जो उसके सिर से होते हुए उसके मस्तिष्क में प्रवेश कर गई थी। न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉ. गोपाल कृष्ण ने अपनी समर्पित टीम के साथ मिलकर इस कठिन और उच्च जोखिम वाली प्रक्रिया को अंजाम दिया, जिससे लडक़े की जान बच गई और उसे असाधारण रूप से ठीक होने में मदद मिली। डॉ. ईश्वर ने बताया कि जिस वक्त लडक़े को पीजीआईएमएस में लाया गया था, उसकी हालत बहुत गंभीर थी। न्यूरो सर्जिकल टीम ने बच्चे की जान बचाने के लिए उच्च जोखिम वाली प्रक्रिया शुरू की। उन्होंने बताया कि बच्चे के मस्तिष्क से रॉड को सावधानीपूर्वक निकालना बहुत नाजुक काम शामिल था, ताकि उसे और अधिक नुकसान न पहुंचे। रॉड की वजह से खोपडी के बाएं हिस्से में फ्रैक्चर हो गया और सबड्यूरल और सबराचनोइड रक्तस्राव हुआ। डॉ. गोपाल कृष्ण ने बताया कि रॉड को बहुत ही सटीकता के साथ निकालना पडा, क्योंकि कोई भी गलती स्थायी न्यूरोलॉजिकल क्षति या यहां तक कि तत्काल मृत्यु का कारण बन सकती थी। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन कई घटों तक चला और टीम रोगी के मस्तिष्क को और अधिक नुकसान पहुँचाए बिना रॉड को सफलतापूर्वक निकालने में सक्षम रही। परिजनों ने भी चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया। पीजीआईएमएस की कुलपति ने भी न्यूरो सर्जरी की टीम की सराहना की।

(Udaipur Kiran) / अनिल

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