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जबलपुर, 4 दिसंबर (Udaipur Kiran) । रेल मंत्रालय ने भारतीय रेलवे पर रेलवे स्टेशनों के विकास के लिए ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ शुरू की है। इस योजना में दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निरंतर आधार पर स्टेशनों के विकास की परिकल्पना की गई है। इसमें प्रत्येक स्टेशन पर आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान तैयार करना और चरणों में उनका क्रियान्वयन करना शामिल है, ताकि स्टेशनों पर सुविधाओं में सुधार हो, जैसे स्टेशन तक पहुंच में सुधार, परिभ्रमण क्षेत्र, प्रतीक्षालय, शौचालय, आवश्यकतानुसार लिफ्ट,एस्केलेटर, प्लेटफॉर्म की सतह और प्लेटफॉर्म को ढंकना, साफ-सफाई, मुफ्त वाई-फाई, ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ जैसी योजनाओं के माध्यम से स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क, बेहतर यात्री सूचना प्रणाली, कार्यकारी लाउंज, व्यावसायिक बैठकों के लिए नामित स्थान, भूनिर्माण आदि । इस योजना में भवन में सुधार, स्टेशन को शहर के दोनों ओर एकीकृत करना, मल्टीमॉडल एकीकरण, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल समाधान, आवश्यकतानुसार गिट्टी रहित ट्रैक आदि का प्रावधान, चरणबद्ध और व्यवहार्यता और दीर्घावधि में स्टेशन पर सिटी सेंटर का निर्माण शामिल है।
अब तक भारतीय रेलवे पर इस योजना के तहत 1337 स्टेशनों की पहचान की गई है, जिनमें आकांक्षी जिलों में पड़ने वाले 157 स्टेशन शामिल हैं। इसमें पश्चिम मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले आकांक्षी जिलों के रेलवे स्टेशनों की संख्या 11 है जो कि बारां, बरगवां, बियावरा राजगढ़, छबड़ा गुगोर, दमोह, गंजबासौदा, गुना, हिंडौन सिटी, रुठियाई एवं श्री महावीरजी रेलवे स्टेशन शामिल हैं।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक
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