CRIME

10वीं-12वीं पास लोगों को 4000 रुपये में मिलता है नकली डाक्टर बनने का प्रमाणपत्र 

अवैध रूप से चल रहा पाकबड़ा का जारा अस्पताल  सील, अस्पताल संचालक झोलाछाप फरार

आरोपित झोलाछाप और फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले आरोपित के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी

मुरादाबाद, 01 नवम्बर (Udaipur Kiran) । जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर कर मुरादाबाद में एक दलाल ने 10वीं-12वीं पास लोगों को चार-चार हजार रुपये में नकली प्रमाणपत्र देकर डॉक्टर बना दिया। मामले में शिकायत के बाद शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा आरोपित झोलाछाप के क्लीनिक पर छापेमारी में नकली प्रमाणपत्र मिलने के बाद खुलासा हुआ। पुलिस जांच में पता लगाया जा रहा है कि कितने लोगों को इस तरह का फर्जी प्रमाणपत्र बेचा गया है। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि आरोपित झोलाछाप और फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले आरोपित के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।

थाना मझोला क्षेत्र में सम्राट अशोक नगर में डॉ. आरके सिंह के नाम से झोलाछाप राकेश कुमार क्लीनिक का संचालन करता मिला। उसकी शैक्षिक योग्यता 12वीं पास थी, जबकि क्लीनिक पर भारी मात्रा में अंग्रेजी दवाएं, इंजेक्शन, आईवी फ्लूड आदि मिले। झोलाछाप ने बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज (बीएनवाईएस) का प्रमाणपत्र भी दिखाया। इस पर जनवरी 2022 की तारीख पड़ी थी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के हस्ताक्षर भी थे। आरोपित झोलाछाप ने बताया कि उसे इरशाद नाम के व्यक्ति ने यह प्रमाणपत्र चार हजार रुपये में दिया है। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजीव बेलवाल ने क्लीनिक को सील कर दिया। इसके बाद विभाग ने दोनों आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस को सूचना दी है। डिप्टी सीएमओ ने बताया कि पड़ताल की जा रही है कि कितने लोगों को सीएमओ के फर्जी हस्ताक्षर वाला प्रमाणपत्र बेचा गया है।

(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जयसवाल

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