मुंबई/नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । धनतेरस पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने ब्रिटेन से 102 टन सोना भारत वापस शिफ्ट कर लिया है। सितंबर के अंत में आरबीआई के पास कुल 855 टन सोने का भंडार था, जिसमें से 510.5 टन सोना देश में रखा गया है। रिजर्व बैंक की विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन पर जारी हालिया रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
बैंक नियामक ने एक बयान में कहा है कि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही मार्च-सितंबर 2024 के बीच बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) में सुरक्षित रखे गए 102 टन सोने को भारत वापस लाया है। आरबीआई के पास अब उसके कुल 854.73 टन सोने के भंडार का 60 फीसदी हिस्सा (510.5 टन सोना) घरेलू स्तर पर है।
आरबीआई ने सितंबर 2022 के बाद से 214 टन सोना देश में लाया है। इससे पहले बैंक नियामक ने 31 मई को 100 टन सोना वापस भारत लाया था। एक रिपोर्ट में कहा गया था कि यूके से 100 टन सोना भारत लाया गया है। दरअसल 1990 के दशक की शुरुआत में भारत की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई थी, जिसकी वजह से उसे सोना गिरवी रखना पड़ा था। यह पहली बार था, जब इतनी मात्रा में सोना भारत में वापस आया था। पिछली बार की तरह आरबीआई और सरकार ने सोने को देश में लाने के लिए स्पेशल एयरक्राफ्ट और सिक्योरिटी अरेंजमेंट के साथ एक सीक्रेट मिशन चलाया।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी सोना रखता है। दुनिया के सभी देशों के केंद्रीय बैंक सोना को अलग-अलग जगहों पर सुरक्षित रखना चाहते हैं ताकि जोखिम कम हो सके। अगर देश में आपदा या राजनीतिक अस्थिरता से आर्थिक स्थिति खराब होती है तो इससे उबरने में विदेशों में रखा सोना ही काम आता है। प्राकृतिक आपदाओं से भी सोने के भंडार को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में अलग-अलग जगह सोना रखने से यह जोखिम कम होता है।
कई केंद्रीय बैंकों के लिए सोने का भंडारगृह है ब्रिटेन
ब्रिटेन का बैंक ऑफ इंग्लैंड परंपरागत रूप से दुनिया के कई केंद्रीय बैंकों के लिए सोने का भंडारगृह रहा है। भारत की आजादी से पहले से ही कुछ मात्रा में सोना लंदन में जमा है, क्योंकि आजादी से पहले ब्रिटेन बैंक ऑफ इंग्लैंड में भारत का सोना रखता था। इसलिए आजादी के बाद भी, भारत ने कुछ सोना लंदन में ही रखा हुआ है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अब 324 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स की सेफ कस्टडी में रखा गया है। दरअसल बैंक ऑफ इंग्लैंड में कई देश भी अपना सोना रखते हैं। ये न्यूयॉर्क फेडरल रिजर्व के बाद दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड कस्टोडियन है। ब्रिटेन का बुलियन वेयरहाउस 1697 में बनाया गया था। इसमें लगभग 4 लाख गोल्ड बार हैं। सितंबर में इन तिजोरियों में करीब 5,350 टन सोना था।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर