
झाबुआ, 1 मार्च (Udaipur Kiran) । जिले के गुजरात राज्य की सीमा से लगे इलाकों में आए दिन अवैध शराब की धर पकड़ के बावजूद शराब कारोबारी सक्रिय हैं, और बड़ी मात्रा में शराब परिवहन कर गुजरात ले जाई जा रही है। वैसे होली पूर्व के इन दिनों में जिले में लगने वाले भगौरिया हाट बाजार में अच्छी कीमत पर बेचने के लिए भी अवैध रूप से शराब जमा की जाती है। शराब की बरामदगी संबंधी ताज़ा मामला भी कुछ ऐसा ही है। मामला जिले के राणापुर थाना क्षेत्र के ग्राम ढोल्यावाड का है, जहां एक खेत में मक्का की कडब (चारा) से 1,000 लीटर शराब बरामद की गई है। शराब कारोबारी द्वारा उक्त शराब भगौरिया में बैचने छुपा कर रखी हुई थी। पुलिस जानकारी अनुसार बरामद शराब की अनुमानित कीमत करीब तीन लाख के करीब है, जिसे जप्त कर आरोपित के विरुद्ध आबकारी एक्ट की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।
उक्त प्रकरण के संबंध में दी गई जानकारी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, प्रेमलाल कुर्वे ने शनिवार को बताया कि पुलिस को सूचना मिली की थाना राणापुर क्षेत्र के ग्राम ढोल्यावाड बड़ा फलिया में एक खेत में मक्का की कडब (चारा) में भगौरिया हाट बाजार में बैचने हेतु बड़ी मात्रा में अंग्रेजी शराब छुपा कर रखी हुई है। सूचना के आधार पर थाना राणापुर की पुलिस टीम निर्दिष्ट स्थान पर पहुंची, और दबिश देकर आरोपी हरमल पिता सुमजी भाबोर उम्र 34 साल निवासी ग्राम ढोल्यावाड के घर के समाने मक्का की कड़ब से माउंट बीयर 6000 कम्पनी की कुल 90 पेटीया जो करीब 1080 बल्क लीटर है, जप्त कर आरोपित हरमल पुत्र सुमजी भाबोर उम्र 34 साल निवासी ग्राम ढोल्यावाड के विरुद्ध थाना राणापुर पर अपराध क्रमांक 65/2025 एवं आबकारी एक्ट की धारा 34 (2) के अंतर्गत प्रकरण पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया है। बरामद शराब की अनुमानित कीमत रुपए 2,80,800/- आंकी गई है।
गुजरात राज्य की सीमा से लगे जिले के क्षेत्रों में पुलिस की धर पकड़ के बावजूद अवैध शराब के कारोबारी लंबे समय से सक्रिय हैं। वैसे होली पूर्व भगौरिया हाट को देखते हुए भी अवैध रूप से शराब जमा की जाती है, किंतु मुख्य रूप से गुजरात राज्य में शराब बंदी होने की वजह से ही अधिक कमाई के लिए शराब कारोबारियों द्वारा इन सीमावर्ती क्षेत्रों के माध्यम से अवैध शराब परिवहन कर गुजरात ले जाई जाती रही है। पुलिस और आबकारी विभाग की आंशिक सक्रियता ऐसे मामलों में कदाचित कमी देखने में आती है, किंतु शराब कारोबारी नए नए तरीके अपने इस अवैध कारोबार को बढ़ाने में लगे नजर आते हैं। ऐसा लगता है कि शराब कारोबारियों और पुलिस के बीच दौड़ बिल्ली चूहा आया का खेल लगातार जारी है।
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(Udaipur Kiran) / उमेश चंद्र शर्मा
