-सत्र न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम ने सुनाया निर्णय
चित्रकूट,09 जनवरी (Udaipur Kiran) । गैर इरादतन हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर सत्र न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम ने दो सगे भाईयों को 10-10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों को अर्थदण्ड से भी दंडित किया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी श्यामसुंदर मिश्रा ने बताया कि मऊ थाने की बरियारी खुर्द गांव की निवासी सुरतिया पत्नी राम भवन ने बीती 23 अगस्त 2020 को मऊ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को दी गई तहरीर में सुरतिया ने बताया था कि उसके पति रामभवन जानवरों से खेत की फसल को बचाने के उद्देश्य से सवेरे लगभग साढ़े नौ बजे घर से गए थे। इस दौरान गांव के ही प्रदीप उर्फ मुन्ना बेलौहा अपने बेटे बउवा व नान के साथ उसके पति पर हमला कर दिया। साथ ही उसके बेटे लवकुश व भतीजे तीरथ के साथ भी मारपीट की। जिससे लवकुश व तीरथ भागने लगे। इस बीच पति राम भवन को अकेला पाकर तीनों हमलावरों ने लाठियों से उन्हें मारकर लहूलुहान कर दिया। इस दौरान वह भी खेत में पहुंच गई, किंतु हमलावर मौके से फरार हो गए। घायल पति को लेकर वह मऊ अस्पताल पहुंची, जहां गंभीर हालत के चलते चिकित्सकों ने प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें जिला अस्पताल कर्वी के लिए रेफर कर दिया, किंतु रास्ते में ही राम भवन की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया था। साथ ही न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। मुकदमे के दौरान आरोपी प्रदीप उर्फ मुन्ना बेलौहा की मौत हो गई थी। जिसके बाद हुई सुनवाई में बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद गुरुवार को सत्र न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम ने इस मामले में निर्णय सुनाया। जिसमें दोष सिद्ध होने पर आरोपी बउवा व नान को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही दोनों को अर्थदण्ड से भी दण्डित किया गया।
(Udaipur Kiran) / रतन पटेल