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नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष का कारावास

प्रतीकात्मक

फिरोजाबाद, 3 अप्रैल (Udaipur Kiran) । न्यायालय ने गुरुवार को नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उस पर अर्थ दंड भी लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

थाना उत्तर क्षेत्र में एक युवक 30 अगस्त 2021 को एक नाबालिग किशोरी को बहला फुसलाकर भाग ले गया था। किशोरी की मां ने रैपुरा निवासी विकाश कश्यप पुत्र धनीराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। विकास का किशोरी के घर आना जाना था। पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने जांचोपरांत आरोपित के खिलाफ नाबालिग को बहला फुसलाकर ले जाने और उससे दुष्कर्म की धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अवधेश कुमार सिंह की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमें की पैरवी विशेष लोक अभियोजक अवधेश भारद्वाज ने की। मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने विकास को नाबालिग को बहला फुसलाकर ले जाने और उससे दुष्कर्म का दोषी माना। न्यायालय ने विकास को 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 39 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे 5 महीने की सजा भुगतनी होगी।

(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़

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नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष का कारावास

प्रतीकात्मक

फिरोजाबाद, 3 अप्रैल (Udaipur Kiran) । न्यायालय ने गुरुवार को नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उस पर अर्थ दंड भी लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

थाना उत्तर क्षेत्र में एक युवक 30 अगस्त 2021 को एक नाबालिग किशोरी को बहला फुसलाकर भाग ले गया था। किशोरी की मां ने रैपुरा निवासी विकाश कश्यप पुत्र धनीराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। विकास का किशोरी के घर आना जाना था। पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने जांचोपरांत आरोपित के खिलाफ नाबालिग को बहला फुसलाकर ले जाने और उससे दुष्कर्म की धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अवधेश कुमार सिंह की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमें की पैरवी विशेष लोक अभियोजक अवधेश भारद्वाज ने की। मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने विकास को नाबालिग को बहला फुसलाकर ले जाने और उससे दुष्कर्म का दोषी माना। न्यायालय ने विकास को 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 39 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे 5 महीने की सजा भुगतनी होगी।

(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़

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