


इंदौर, 03 मार्च (Udaipur Kiran) । भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्टरी के जहरीले कचरे का निष्पादन उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के एक अपशिष्ट निपटान संयंत्र में किया जा रहा है। यूनियन कार्बाइड के 337 टन जहरीले कचरे में से 10 टन अपशिष्ट को परीक्षण के तौर पर भस्म किए जाने की प्रक्रिया सोमवार शाम पांच बजे समाप्त हो गई। कचरे का निष्पादन डीजल से इसीनरेटर में किया गया। इस दौरान गैसों का उत्सर्जन मानक सीमा के भीतर रहा। इसके पश्चात सायं 6.30 बजे तक इन्सीनरेटर में डीजल की फीडिंग जारी रही, ताकि फीड किया गया अपशिष्ट पूरी तर जल जाए।
इंदौर संभागायुक्त दीपक सिंह ने सोमवार देर शाम बताया कि वर्ष 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार कारखाने के कचरे के निपटान के पहले दौर का परीक्षण मप्र उच्च न्यायालय के आदेश पर शुक्रवार को पीथमपुर के तारपुरा गांव में रामकी एनवायरो फैक्टरी में शुरू हुआ था। यह तीन दिवसीय प्रथम ट्रायल सोमवार को संपन्न हुआ। इन तीन दिन में यूनियन कार्बाइड के 10 टन जहरीले कचरे का निष्पादन किया गया। परीक्षण के इस पहले दौर में पीथमपुर के संयंत्र से गैसों का उत्सर्जन मानक सीमा के भीतर रहा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दल ने परीक्षण की पूरी निगरानी की और इस दौरान पीथमपुर और इससे करीब 30 किलोमीटर दूर इंदौर की वायु गुणवत्ता सामान्य बनी रही।
उन्होंने बताया कि पर्टीक्यूरेट मेटर का उत्सर्जन 9.6 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, जिसकी निर्धारित अधिकतम मानक सीमा 50 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है। इसी तरह सल्फर डाईऑक्साइड का उत्सर्जन 70 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, इसकी अधिकतम मानक सीमा 200 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है। नाइट्रोजन ऑक्साइड्स का उत्सर्जन 116 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, इसकी निर्धारित अधिकतम मानक सीमा 400 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है। कार्बन मोनो ऑक्साइड का उत्सर्जन 18 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, इसकी अधिकतम मानक सीमा 100 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है।
इसी प्रकार कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन 6.54 प्रतिशत रहा, इसकी निर्धारित अधिकतम मानक सीमा 7 प्रतिशत है। हाईड्रोजन क्लोराइड का उत्सर्जन 3.86 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, इसकी अधिकतम मानक सीमा 50 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है। हाईड्रोजन फ्लोराइड का उत्सर्जन 1.85 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, इसकी निर्धारित अधिकतम मानक सीमा 4 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है तथा टोटल आर्गेनिक कार्बन का उत्सर्जन 2 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, इसकी निर्धारित अधिकतम मानक सीमा 20 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है।
संभागायुक्त सिंह ने बताया कि पीथमपुर के अपशिष्ट निपटान संयंत्र में दूसरे दौर के परीक्षण की तैयारी की जा रही है और इस चरण में भी यूनियन कार्बाइड कारखाने के 10 टन कचरे को भस्म किया जाएगा। इस कचरे के निपटान की प्रक्रिया शुरू होने के बीच पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि वैज्ञानिक प्रमाणों के मुताबिक इस कचरे में सेविन और नेफ्थाल रसायनों का प्रभाव अब ‘लगभग नगण्य’ हो चुका है। फिलहाल इस कचरे में मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस का कोई अस्तित्व नहीं है और इसमें किसी तरह के रेडियोधर्मी कण भी नहीं हैं।
इस संबंध में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एसएन द्विवेदी ने बताया कि वायु प्रदूषण की स्थिति सामान्य है और सभी गैसों और कणों का स्तर निर्धारित मानकों के भीतर है। पहले चरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मंगलवार से कचरे के निष्पादन का दूसरा चरण शुरू होगा। इस चरण में 10 टन कचरा जलाने की प्रक्रिया को तेजी से किया जाएगा। इसमें प्रत्येक घंटे में 180 किलो कचरे का निष्पादन किया जाएगा और 55 घंटे में 10 टन कचरा पूरी तरह से जलाया जाएगा।
(Udaipur Kiran) तोमर
