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एचपीयू एमबीए ग्रामीण विकास के छात्रों का 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

मंडी, 11 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) में अध्ययनरत एमबीए ग्रामीण विकास तृतीय सेमेस्टर के छात्रों का दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 2 फरवरी से 11 फरवरी तक तकनीकी विकास समिति मंडी के सहयोग से नगवाईं में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में 24 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

कृषि और बागवानी में तकनीक की अहम भूमिका: डॉ. किशोर खोसला

समापन समारोह के अवसर पर तकनीकी विकास समिति मंडी के उपाध्यक्ष एवं वैज्ञानिक डॉ. किशोर खोसला मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए कृषि और बागवानी में विज्ञान और तकनीक का अधिकतम उपयोग जरूरी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैज्ञानिक तरीकों को अपनाकर ही किसानों की जिंदगी को बेहतर बनाया जा सकता है।

तकनीकी विकास समिति के सचिव जोगिंदर वालिया ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान छात्रों को कृषि, बागवानी, ग्रामीण उत्पाद, हस्तशिल्प और स्वयं सहायता समूहों की गतिविधियों से अवगत कराया गया।

विशेषज्ञों से मिली महत्वपूर्ण जानकारियां

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान छात्रों को कई प्रतिष्ठित संगठनों और विशेषज्ञों से ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिला। इनमें डॉ. भूपेंद्र ठाकुर (क्षेत्रीय फल उत्पादन एवं अनुसंधान केंद्र), डॉ. दलेश बजौरा (कृषि अनुसंधान केंद्र) उमेश (अप्पर वैली फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी, कुल्लू), दुशांत (सरोआ हैंडलूम प्रोड्यूसर कंपनी), रमेश ठाकुर (भूटीको हस्तशिल्प संगठन), कर्म चंद (सोसायटी फॉर फार्मर, नगवाईं) और देव कुल्लू (शी-हाट महिला संगठन) शामिल हैं।

छात्रों को इन संगठनों और मंडी साक्षरता एवं जन विकास समिति के स्वयं सहायता समूहों का भ्रमण करवाया गया, जिससे वे ग्रामीण उत्पाद और हस्तशिल्प की गतिविधियों से परिचित हो सके।

ग्रामीण योजनाओं और उन्नत बीजों की जानकारी

नाबार्ड (कुल्लू) की जिला प्रबंधक अनीता और मंडी के राकेश वर्मा ने ग्रामीण विकास योजनाओं की जानकारी दी।

पूर्व बीज वैज्ञानिक डॉ. सतीश गुलेरिया ने उन्नत बीजों के उपयोग और उनके ग्रामीण विकास में योगदान पर विस्तृत चर्चा की।

पूर्व अध्यक्ष डी.पी. गुप्ता ने छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सामुदायिक भागीदारी को अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया।

छात्रों ने साझा किए अपने अनुभव

आंचल राजपूत और कमल किशोर सहित अन्य छात्रों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह इंटर्नशिप बेहद शिक्षाप्रद और लाभकारी रही। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण से उन्हें कक्षा में सीखे गए सिद्धांतों को व्यावहारिक रूप से लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण सीख मिली।

समापन पर प्रमाण पत्र वितरित

कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि डॉ. किशोर खोसला ने सभी इंटर्नशिप छात्रों को प्रमाण पत्र वितरित किए और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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