– श्री विंध्य प्राचीन रामलीला समिति का भव्य आयोजन
मीरजापुर, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । विंध्याचल स्थित मोती झील मार्ग पर रामलीला का भव्य मंचन देखने के लिए गुरूवार की रात में नर-नारी और बच्चों का हुजूम उमड़ पड़ा। लीला के छठवें दिन भव्य मंच पर माता सीता की खोज के साथ ही जटायु का अंतिम संस्कार, राम से सबरी का मिलन, सुग्रीव मित्रता, बाली वध का जीवंत मंचन किया गया। जिसे देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
दस दिवसीय रामलीला के छठवें दिन मानस की चौपाइयां जहां वातावरण को भक्तिमय बना रही थी, वहीं कलाकारों के अभिनय को देख दर्शक श्रीराम का जयकारा लगाते रहे। श्रीराम और लक्ष्मण सीता की तलाश में वन-वन भटक रहे हैं। तभी दोनों भाई मरण अवस्था में पड़े जटायु के पास पहुंचे और पूछते हैं- हे खग मृग हे मधुकर श्रेणी, तुम देखी सीता मृगनयनी… । जटायु श्रीराम को रावण के साथ हुए युद्ध का वृत्तांत सुनकर मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। श्रीराम एक पुत्र की तरह जटायु का अंतिम संस्कार करते हैं और सीता की खोज में दक्षिण की दिशा की तरफ प्रस्थान कर देते हैं। लीला के अगले दृश्य में जंगल में भटकते हुए रास्ते में श्रीराम भ्राता लक्ष्मण को एक वृद्ध भीलनी मिलती है, जो रास्ते पर फूल बिछा रही होती है। वह महिला परम तपस्विनी माता सबरी थी, जो भगवान श्रीराम के आने की प्रतिक्षा में कुटिया के रास्ते पर हर दिन फुल बिछाती थी ताकि जब श्रीराम आए तो उनके पैर में कांटा न लगे।
श्रीराम और लक्ष्मण कुटिया में पहुंचते हैं तो उनका परिचय पाकर शबरी माता खुशी से रोने लगती है। राम, लक्ष्मण का स्वागत करते हुए उन्हें भोजन के रूप में अपने द्वारा लाए बेर देती है। शबरी द्वारा चखकर इकट्ठे किए गए बेर भी राम बड़े आदर के साथ खाते हैं। सबरी उन्हें बताती है कि उनके गुरु मतंग मुनि अब नहीं रहे लेकिन उन्होंने बताया था कि भविष्य में श्रीराम अपनी पत्नी सीता को खोजते हुए हमारे आश्रम में आएंगे और तुम उन्हें सुग्रीव तक जाने का मार्ग बता देना। उनकी सहायता से वह रावण पर विजय प्राप्त कर अपनी पत्नी सीता को पा सकेंगे। माता शबरी बताती है कि दक्षिण तट की तरफ ऋषि मुख पर्वत के शिखर पर वानर राज सुग्रीव वास करते हैं और वहीं आपको अपने परम भक्त हनुमान से भी भेंट होगी।
मंच संचालन कार्यक्रम संयोजक आदर्श उपाध्याय ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कमेटी के संरक्षक प्रकाशचंद्र, अध्यक्ष संगमलाल त्रिपाठी, मंत्री कमल मिश्र, निर्देशक राज गिरी, उपाध्यक्ष पशुपतिनाथ मिश्र एवं रामेश्वर त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष विक्रम मिश्र व रवि प्रकाश मिश्र, उपाध्यक्ष लव दुबे, व्यवस्थापक शिखर गिरी, मीडिया प्रभारी संतोष कुमार, त्रिलोकी उपाध्याय समेत गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा