Jammu & Kashmir

 समाज के विभिन्न वर्गों ने नाबालिगों को वाहन चलाने की अनुमति नहीं देने की घोषणा की

श्रीनगर, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । कश्मीर में नाबालिगों को वाहन चलाने से रोकने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों ने नाबालिगों को वाहन चलाने की अनुमति नहीं देने की घोषणा की है। श्रीनगर में कई पेट्रोल पंपों ने नाबालिगों को वाहन चलाने के लिए ईंधन देने से इनकार कर दिया है।

शहर के कई पेट्रोल पंपों ने “नाबालिगों को ईंधन नहीं” लिखे पोस्टर लगाए हैं। ऐसे ईंधन स्टेशनों के कर्मचारियों ने कहा कि नाबालिगों को दोपहिया वाहन चलाने या बिना हेलमेट के या चार पहिया वाहन चलाने पर ईंधन नहीं दिया जाएगा ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और नाबालिगों को वाहन चलाने से रोका जा सके। पेट्रोल स्टेशनों के इस कदम की लोगों ने सराहना की है जिन्होंने यह भी मांग की है कि सभी पेट्रोल पंपों को भी ऐसा ही करना चाहिए।

14 नवंबर को श्रीनगर के टेंगपोरा इलाके के पास दो वाहनों के बीच हुई दुखद टक्कर में दो युवा लड़कों की मौत हो गई जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना ने घाटी में नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने और सड़क सुरक्षा पर बहस छेड़ दी और नाबालिगों के वाहन चलाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैन्युफैक्चरर्स फेडरेशन (केटीएमएफ) ने भी घोषणा की है कि वाहन चलाने वाले नाबालिगों को कोई भी वस्तु नहीं बेची जाएगी।

केटीएमएफ के अध्यक्ष मोहम्मद यासीन खान ने कहा कि यह निर्णय नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने की बढ़ती हुई समस्या को संबोधित करने के लिए व्यापारिक समुदाय की सामूहिक जिम्मेदारी से उपजा है जो सड़कों पर लोगों की जान को खतरे में डालता है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि वस्तुओं विशेष रूप से पेट्रोल, सिगरेट और नाबालिगों द्वारा अक्सर दुरुपयोग से जुड़ी अन्य वस्तुओं तक पहुंच को प्रतिबंधित करने से इस खतरनाक व्यवहार को हतोत्साहित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि केटीएमएफ नाबालिगों के वाहन चलाने पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से यातायात विभाग और नागरिक प्रशासन की पहल का पूरा समर्थन करता है। हम उनके प्रयासों की सराहना करते हैं और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना सहयोग देने का संकल्प लेते हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल एक प्रशासनिक मुद्दा नहीं है बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी है जिसके लिए सभी हितधारकों को एकजुट होकर काम करना होगा। केटीएमएफ अध्यक्ष ने माता-पिता, अभिभावकों और समाज से नाबालिगों को वाहनों तक पहुंचने से रोकने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानने का आह्वान किया।

शहर के कई स्कूलों ने नाबालिग छात्रों को दोपहिया वाहन चलाने से रोक दिया है। उन्होंने नाबालिग छात्रों को दोपहिया वाहनों और कारों में स्कूल आने से मना किया है। उन्होंने इस खतरे को रोकने के लिए यातायात विभाग को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।

स्कूल शिक्षा निदेशालय (डीएसई) ने नाबालिग छात्रों को उनके स्कूलों में दोपहिया और चार पहिया वाहनों सहित मोटर वाहन चलाने से प्रतिबंधित करने वाला एक परिपत्र जारी किया है। जिसमें नाबालिगों के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं ताकि बढ़ते हादसों को रोका जा सके।

(Udaipur Kiran) / सुमन लता

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