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  संभल की प्राचीन बावड़ी में कुएं के हिस्से से निकल रही गैस जहरीली नहीं : जिलाधिकारी

संभल जिले के चंदौसी स्थित मोहल्ला लक्ष्मणगंज में मिली प्राचीन बावड़ी में बीते दिनाें हाेता मलवा हटाने का कार्य

संभल, 07 जनवरी (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी इलाके के लक्ष्मणगंज मोहल्ले में मिली प्राचीन बावड़ी में कुएं के हिस्से से निकल रही गैस जहरीली नहीं है।

जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि सोमवार को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने बावड़ी में पहुंचकर जांच पड़ताल की थी। यह बावड़ी लगभग 150 साल पुरानी है और 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के निर्देशन में बीते लगभग 15 दिन पूर्व से सर्वे एवं खुदाई का कार्य चल रहा था। बीते सप्ताह बावड़ी में गैस निकलने के बाद खुदाई का काम रोक कर मलबा हटाने का कार्य शुरू किया गया था।

विगत 21 दिसंबर को संपूर्ण समाधान दिवस पर सनातन सेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख कौशल किशोर और अन्य पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर चंदौसी के लक्ष्मणगंज इलाके में बने प्राचीन मंदिर के जीर्णाेद्धार और मंदिर के पास ही गली में स्थित खाली प्लाट में बावड़ी होने का दावा किया था। जिलाधिकारी के आदेश पर 21 दिसंबर को दोपहर में एडीएम सतीश कुशवाह के साथ तहसील और पालिका की टीम ने मौके पर पहुंच कर खुदाई शुरू कर दी थी। खुदाई के दौरान बावड़ी के रहस्य परत दर परत खुलने लगे थे।

एक जनवरी को बावड़ी की खाुदाई के 12वें दिन भूमिगत दूसरी मंजिल की खुदाई के दौरान गैस निकलने से खलबली मच गई थी। उस दिन दूसरी मंजिल के दरवाजे दिखाई दिए। आगे की खुदाई पर धुआं निकलने लगा। मजदूरों को ऑक्सीजन की कमी भी महसूस हुई, लिहाजा जहरीली गैस मानकर खुदाई रोक दी गई थी।

जिलाधिकारी ने बताया कि सोमवार को बावड़ी में पहुंचकर जांच पड़ताल करने बाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम के अनुसार प्रथम दृष्टया कुएं से निकल रही गैस जहरीली नहीं है। टीम ने मशीन लगा कर हवा की गुणवत्ता की भी जांच की थी। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि बिलारी के राजा के शासनकाल से पूर्व इस बावड़ी का निर्माण कराया गया था।

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(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल

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